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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को यहां मिलेगी कामयाबी की चाभी

युवाओं के लिए परीक्षा लक्ष्य भेदने में मददगार बना पुस्तकों का संसार

कविताओं के सुरों के बीच चर्चा भगत सिंह की और राजनीति के एक विशेष दशक की 
लखनऊ। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में चल रहा उन्नीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला युवक-युवतियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के तौर-तरीकों को समझाने में मददगार बन कर उभरा है। यहां उच्च शिक्षा के संग कम्प्टीशन क्रैक करने वाली बहुत सी किताबें हैं।  
हर घर पुस्तकालय थीम पर आधारित इस मेले में हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है। मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए गांधी जयंती तक प्रतिदिन प्रातः 11 से रात नौ बजे तक खुला रहेगा।
राजपाल के स्टाल पर अद्वितीय साहित्य है तो विभिन्न विषयों पर समझ का विस्तार करने वाली अशोक कुमार पाण्डेय की मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांत, और सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने वाले युवाओं की कहानियां कहने वाली सोहेल रजा की ताश के पत्ते, फ्रायड की मनोविज्ञान आधारित किताबें और एपीजे अब्दुल कलाम की प्रेरणादायी किताब आपका भविष्य आपके हाथ मे जैसी कई किताबें हैं। एडुगोरिल्ला के स्टाल पर बैंकिंग, सिविल सर्विसेज़, डिफेन्स व पुलिस, इंजीनियरिंग प्रवेश, प्रबंधन, मेडिकल प्रवेश, रेलवे, एसएससी, कैट, लॉ प्रवेश के संग ही सैनिक स्कूल और जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश से सम्बंधित पुस्तके हैं। उपकार के स्टाल पर हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं के विषयवार पुस्तकों के संग नर्सिंग प्रवेश विभिन्न छात्रवृत्तियों की परीक्षाओं से सम्बंधित पुस्तकों की सैकड़ों पुस्तकों की लम्बी श्रृंखला है। 
प्रभात के स्टाल पर प्रचुर साहित्य है तो प्रशासनिक सेवाओं से लेकर अनेक कम्प्टीशन्स की दो सौ से अधिक किताबें और सहायक पुस्तिकाएं हैं। राजकमल के स्टाल पर वित्तीय प्रबंधन, समाजशास्त्र, दर्शन, संस्कृति, इतिहास जैसे अनेक विषयों की विश्वविद्यालय स्तर की किताबें हैं। 
मेले के साहित्यिक मंच पर कल रात जहां रिवाइवल बैण्ड के सचिन मिश्रा, अभिन्नश्याम शंकर तिवारी और वेद जैसे कलाकारों ने गीतों की मधुर गूंज छोड़ी थी वहीं आज सुबह निखिल प्रकाशन की ओर से रेनू द्विवेदी के संयोजन में हुई काव्यगोष्ठी में कविताएं गूंज उठीं। इस क्रम को दोपहर भर प्रज्ञा साहित्य परिषद के काव्य समारोह ने और आगे बढ़ाया। इसी क्रम में भारतीय राजनीति के आठवें दशक पर केन्द्रित किताब दस साल के लोकार्पण पर हुई बातचीत में मुकुल श्रीवास्तव, सुदीप ठाकुर और मनोज कुमार पाण्डेय ने शिरकत की। 
27 सितम्बर के कार्यक्रम
सुबह 11 बजे राही मासूम रजा साहित्य अकादमी की ओर से संगोष्ठी
दोपहर 1 बजे दौलतदेवी स्मृति संस्थान का सम्मान समारोह
दोपहर 4 बजे संजीव जायसवाल की पुस्तक यत्र तत्र सर्वत्र का विमोचन
शाम 6 बजे राजकमल प्रकाशन की ओर से अंकित चड्ढा की पुस्तक पर चर्चा 
रात 8 बजे विकास दृष्टि की ओर से कवि सम्मेलन
भगत सिंह के जन्मदिवस की पूर्ववेला पर दीपक कबीर के संयोजन में आयोजित भगत सिंह से दोस्ती विषय पर मुख्यरूप से राकेश और रवि ने विचार व्यक्त किये। मेले में बच्चों के लिए डांस, पेण्टिंग, कार्टून मेकिंग, निबंध लेखन, गायन आदि की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आनलाइन आयोजन हो रहा है। मेले के सहयोगी रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हैंड्स फाउंडेशन, ऑप्टीकुंभ, रेट्रोबी, सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र पत्रिका हैं। 

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