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Apollo Medics : बच्चों में होने वाली खून की बीमारियों और कैंसर के इलाज में हुई प्रगति पर की चर्चा

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ में आयोजित हुआ आइएनटीपीपीएच पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी अ कंप्रेहेंसिव वर्कशॉप"

लखनऊ। अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल और लखनऊ एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय "आइएनटीपीपीएच पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी अ कंप्रेहेंसिव वर्कशॉप" का आयोजन अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में किया गया। इस वर्कशॉप में देशभर से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें बच्चों में होने वाली खून की बीमारियों और कैंसर के इलाज में हुई प्रगति पर चर्चा हुई। इस दौरान "वर्ल्ड आयरन डेफिशिएंसी डे" के अवसर पर आयरन की कमी से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में भी चर्चा हुई। आयरन की कमी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उपेक्षित लक्षणों को पहचानने में सहायता करने के लिए हर साल 26 नवंबर को दुनिया भर में आयरन डेफिशिएंसी डे मनाया जाता है।

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के एमडी व सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा, "अपोलोमेडिक्स अस्पताल इलाके में न केवल अल्ट्रा-मॉडर्न चिकित्सा सुविधाएं देने में अग्रणी हैं, बल्कि हम चिकित्सा के क्षेत्र में होने वाले शोध और प्रगति को लेकर भी जागरूक रहते हैं। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में होने वाली नई खोजों और शोध की जानकारी साझा करने के लिए समय समय पर हम इस तरह के वर्कशॉप्स का आयोजन करते रहते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी वर्कशॉप में भाग लेने वाले प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं और वे अपने मरीजों का इलाज और भी प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।"

प्रो. (डॉ.) अर्चना कुमार (एचओडी, पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलजी डिपार्टमेंट, अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल) ने कहा, "इस वर्कशॉप में वक्ताओं ने बच्चों और किशोरों को प्रभावित करने वाले रक्त व प्रतिरक्षा विकारों, विभिन्न प्रकार के कैंसर के निदान और उपचार, बोन मैरो ट्रांसप्लांट विषय पर चर्चा की। यह वर्कशॉप प्रतिभागियों को निश्चित रूप से इन बीमारियों के इलाज के लिए एक व्यापक अनुभव व नई जानकारी प्रदान करेगा।"

"आइएनटीपीपीएच पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी अ कंप्रेहेंसिव वर्कशॉप" में वक्ताओं प्रो. (डॉ.) अर्चना कुमार (एचओडी, पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलजी डिपार्टमेंट, अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल), डॉ. नीता राधाकृष्णन (सीनियर कंसलटेंट एंड आनरेरी सेक्रेटरी पीएचओ चैप्टर, पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी और हेमेटोलजी डिपार्टमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, नोएडा), डॉ. मानस कालरा (सीनियर कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी डिपार्टमेंट, ऑन्कोलॉजी एंड बीएमटी, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली), डॉ. निशांत वर्मा (एडिशनल प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स, इंचार्ज, पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी यूनिट, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी), डॉ. अंशुल गुप्ता जैसे देश के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने प्रतिभागियों के साथ पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी के क्षेत्र में हुई नवीनतम शोधों व तकनीकों के विषय में जानकारी साझा की।

वर्कशॉप में डिरेन्ज्ड कौगुलोग्राम की व्याख्या, आईटीपी: उपचार के लिए दिशानिर्देश, हाइपरकोएग्युलेबल अवस्था के लिए नैदानिक दृष्टिकोण,  हेमोलिटिक एनीमिया के निदान के लिए दृष्टिकोण, थैलेसीमिया का निदान और प्रबंधन, थैलेसीमिया/एनटीडी में जटिलताओं की निगरानी, हेपेटोसप्लेनोमेगाली से पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए दृष्टिकोण, आयरन की कमी और मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का प्रबंधन, अप्लास्टिक एनीमिया में पैन्टीटोपेनिया और वर्तमान अवधारणाओं के लिए दृष्टिकोण नवजात शिशु में एनीमिया व हीमोफिलिया का प्रबंधन: वर्तमान अवधारणा आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।

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