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शंखनाद, ढोल नगाड़ों संग विश्वनाथ मंदिर से भक्तिमय माहौल में निकली कलश यात्रा, जमकर झूमे भक्त




लखनऊ। शंखनाद, ढोल नगाड़ों की धुन पर ‘‘जय सियाराम जय जय सियाराम...’’ जैसे भजनों संग पीला वस्त्र धारण किये महिलाएं सिर पर मंगल कलश लेकर निकली तो माहौल भक्तिमय हो गया। मौका था विश्वनाथ मन्दिर के 31वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में 30 नवम्बर से शुरू होने वाले मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा की पूर्व संध्या पर मंगलवार को निकली कलश यात्रा का।


मन्दिर परिसर से शुरू हुई कलश यात्रा महादेव होटल चौराहा, राम-राम बैंक चौराहा, इंजीनियरिंग कालेज चौराहा, सर्वेश्वरनाथ मन्दिर, सेक्टर-’ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी व पल्टन छावनी सहित विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए वापस विश्वनाथ मन्दिर पर पहुंचकर सम्पन्न हुई। कलश यात्रा में सिर पर मंगल कलश रखे महिलायें शंखनाद, ढोल नगाड़ों की धुन पर भजन-कीर्तन व भगवान के जयकारे लगाते हुये चल रही थी। वहीं ‘‘हम रामजी के रामजी हमारे है...’’ व ‘‘भज ले मन राम-राम-राम सियाराम...’’ जैसे संकीर्तन से माहौल भक्तिमय हो गया। भक्तों ने जगह-जगह कलश यात्रा का जोरदार स्वागत किया। 


जिसके पश्चात विश्वनाथ मंदिर से कलश यात्रा बख्शी का तालाब में स्थित ऐतिहासिक माँ चन्द्रिका देवी मंदिर पहुंची। जहां भक्तो ने मां चंद्रिका देवी के दर्शन कर पूजा अर्चना की। फिर मंत्रोच्चार के बीच कलश में गोमती नदी का जल भरकर सभी भक्त वापस विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। कलश यात्रा में कमलेश दुबे, नीलम पाण्डेय, मंजू गुप्ता, सोनम पाण्डेय, सुनीता दुबे, जामवती दुबे, कांती पाण्डेय, सावित्री सिंह, रामकुमारी सोनी, मंजू गुप्ता, मंजू मिश्रा, शाश्वत पाठक, कौशल किशोर पाण्डेय, वरुण श्याम पाण्डेय, तरुण श्याम, शम्भू शरण वर्मा सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे। 

आकर्षण का केंद्र होंगी झांकियां

महिला सत्संग मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती कमलेश दुबे ने बताया कि 30 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सांय 4 बजे तक कथा व्यास आचार्य पं. गोविंद मिश्रा श्रीरामकथा सुनायेंगे और सांय 6 बजे से 9 बजे तक वृंदावन के कलाकार रासलीला प्रस्तुत करेंगे। कथा में प्रभु श्रीराम जन्मोत्सव, श्रीराम विवाह, शिव पार्वती विवाह सहित अन्य झांकियां आकर्षण का केंद्र होंगी। 8 दिसम्बर को पूर्णाहुति व विशाल भण्डारे के साथ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा का समापन होगा।

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