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क्षय रोग के प्रति छात्र-छात्राओं को किया जागरूक

किशोर-किशोरियों को टीबी से सुरक्षित बनाना बहुत जरूरी 

कालीचरण पीजी कालेज में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित 

लखनऊ। टीबी यानि क्षय रोग के लक्षणों और उपचार की सही-सही जानकारी जनमानस को होना बहुत जरूरी है। बच्चों और किशोर-किशोरियों को शीघ्र ही इस बीमारी से उबारने की जरूरत होती है ताकि उनकी पढाई-लिखाई के साथ ही उनका सुनहरा भविष्य प्रभावित न होने पाए। यह बातें बुधवार को कालीचरण पीजी कालेज में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के प्रति आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं को बताई गयीं। वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था के टीबी चैम्पियन यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग प्रदान किया।  

इस मौके पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर एजाज अहमद ने कहा कि किशोरावस्था वाले बच्चों को टीबी से जल्दी से जल्दी बचाना इसलिए भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह उनके शारीरिक विकास की अवस्था होती है और उस दौरान शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जन्म के बाद जितना जल्दी संभव हो सके बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं क्योंकि यह बच्चे के और अंगों में टीबी का फैलाव रोकता है। लोगों को यह भ्रान्ति कदापि नहीं होनी चाहिए कि टीका लगने से बच्चे को टीबी होगी ही नहीं बल्कि यह टीका बच्चे के अन्य अंगों तक टीबी के फैलाव को रोकने का काम करता है। बच्चों में पेट, ब्रेन और लंग्स की टीबी होने का ज्यादा खतरा रहता है। हालांकि बाल व नाखून को छोड़कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। 

इस मौके पर टीबी चैम्पियन सुशीला देवी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी एवं बुखार आना, वजन में कमी होना, भूख न लगना, बलगम से खून आना, सीने में दर्द एवं छाती के एक्स-रे में असामान्यता क्षय रोग के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं । क्षय रोग पूरी तरह से साध्य रोग है, जिसका पूरा कोर्स करने से रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। क्षय रोग परीक्षण एवं उपचार की सेवाएं प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। एचआईवी, मधुमेह, जटिल श्वास रोग, शराब व तम्बाकू का उपयोग करने वालों में क्षय रोग होने की सम्भावना अधिक होती है, इसी के दृष्टिगत क्षय रोगियों की (सहरुग्णता (एचआईवी, मधुमेह आदि से सम्बंधित जांच नि:शुल्क होती है ।

कार्यक्रम के अंत में कालेज के छात्र-छात्राओं ने “टीबी हारेगा- देश जीतेगा” का नारा लगाया और संकल्प दोहराया कि टीबी के बारे में हर जरूरी जानकारी वह अपने आस-पास के लोगों में भी जरूर पहुंचाएंगे। इस मौके पर कालेज के प्राचार्य राकेश कुमार, टीबीएचबी रजनीश श्रीवास्तव, वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था के अश्विनी मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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