Pages

लक्ष्मण नगरी में 30 नवम्बर से मचेगी भारत हस्तशिल्प महोत्सव की धूम, बिखरेगी विभिन्न प्रान्तों की अदभुत छटा

● झूलों संग ऊँट और घुड़सवारी होगी आकर्षण का केंद्र 

● कश्मीरी, गुजराती, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इन्डियन संग अवधी- मुग्लई व्यंजनों का मिलेगा स्वाद
●मुख्य मंच पर होगी अनेक राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां 

लखनऊ। 30 नवम्बर से आशियाना इलाके में महोत्सव की धूम मचेगी। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में 30 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक 15 दिवसीय "भारत हस्तशिल्प महोत्सव-2022" का आयोजन कांशीराम स्मृति उपवन, आशियाना में होगा। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति का अदभुत संगम देखने को मिलेगा। मंगलवार को कार्यक्रम स्थल पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने दी।        

उन्होंने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव- 2022 की थीम 'आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम' है। महोत्सव मे 28 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडु एवं 8 केन्द्र शासित प्रदेशों अण्डमान- निकोबार, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप, चंडीगढ़, दिल्ली और पांडिचेरी की कला संस्कृति, पर्यटन, हस्त शिल्प, देशी उत्पाद, वस्त्र, फर्नीचर, मसाले, हैण्डलूम-हैण्डी क्राफ्ट, आटोमोबाइल, बैंकिंग, पर्यटन विभाग उ.प्र. और नाबार्ड सहित अन्य क्षेत्रों के स्टाल आकर्षण का केन्द्र होंगे।
उन्होने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव में केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय हैण्डीक्राफ्ट, पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उ.प्र. और नाबार्ड की सहभागिता के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना भी फलीभूत होगी। उन्होंने बताया कि संस्था के फेसबुक पर देश विदेश के लोगों को भारत हस्तशिल्प महोत्सव से जोड़ा जा रहा है।
विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 15 दिवसीय भारत हस्तशिल्प महोत्सव में निःशुल्क भारत टैलेण्ट हण्ट-2022 का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत बच्चों व युवाओं की गायन, नृत्य, वादन, किड्स माॅडलिंग, मेंहदी, रंगोली, कबाड़ से जुगाड़, सिलाई, चित्रकला, निबंध लेखन, साइकिल रेस, खो-खो, कबड्डी, मिस्टर-मिस और मिसेज भारत प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। 

प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एनबी सिंह ने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव-2022 में भारत के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली अनेक विभूतियों को भारत हस्तशिल्प महोत्सव रत्न सम्मान से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें महिलायें, पुरूष और बच्चे शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम जैसे उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महारास्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें। 

एनबी सिंह ने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव के फूड जोन में कश्मीरी, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे। इसके अलावा फन जोन में बच्चों के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले, खिलौने होंगे। भारत हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही का कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शाल, गुजरात की सड़िया व लहंगे, कानपुर का चमडे का सामन, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्राॅकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल होंगे।

आकर्षण का केंद्र होंगे झूले
एनबी सिंह ने बताया कि भारत हस्तशिल्प महोत्सव में बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षक झूलों के साथ घोड़े और ऊँट की सवारी की भी व्यवस्था की गई है। लोगों की सुरक्षा के लिए पूरे महोत्सव परिसर और परिसर के बाहर एक हजार सी सी टीवी कैमरे लगाये गए हैं। महोत्सव के सभी प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर और सुरक्षा गार्डो द्वारा सघन जांच के बाद ही लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। इसके अलावा महोत्सव स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी भी प्रशासन के सहयोग से होगी। प्रेसवार्ता में प्रिया पाल, पवन पाल, कृष्णानन्द राय, अंजुम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।          

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ