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भारत हस्तशिल्प महोत्सव : कथक संग बिखरी भांगड़ा नृत्य की मनोरम छटा

लखनऊ। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में कांशीराम स्मृति उपवन आशियाना में चल रहे भारत हस्तशिल्प महोत्सव 2022 की छठी सांस्कृतिक संध्या में कथक संग भांगड़ा नृत्य की मनोरम छटा बिखेरी। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डीसीपी पूर्वी हृदयेश कुमार और विशिष्ट अतिथि सुधीर कुमार कुशवाहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष नरेंद्र बहादुर सिंह ने मुख्य अतिथि डीसीपी पूर्वी हृदयेश कुमार और विशिष्ट अतिथि सुधीर कुमार कुशवाहा को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर भारत हस्तशिल्प गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर पवन कुमार पाल, प्रिया पाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


भारत महोत्सव के छठी सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ काशवी, कौशिकी, हर्षा, आरोही, विभूति, प्रियंका, शीतल, पलक और प्रशस्ति के शास्त्रीय नृत्य कथक से हुआ। इसी क्रम में ऑलमाइटी चिल्ड्रेन अकादमी के छात्र छात्राओं ने गीत नृत्य की सरिता प्रवाहित की।
मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त जैसनेर, अक्षिता, अनुषा सहित अन्य नृत्यांगनाओं ने देशभक्ति गीत देश मेरा रंगीला रंगीला पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों में देशप्रेम की भावना जागृत की। शेखर, अनुज, अनमोल, नमन, स्वाति, सृष्टि, ऐश और अर्चना ने पंजाबी भांगड़ा नृत्य को प्रस्तुत कर दर्शकों को अपने साथ खूब नचाया। इसके उपरान्त अवियांश, अर्थव, काव्या, जिगीसा, तेजस्वनी, समाया, कृष्णा, सारिया और शारवी ने बॉलीवुड नृत्य की मनोरम छटा बिखेरी।
मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त अल्पना महरोत्रा ने अपनी खनकती हुई आवाज में अवधी लोकगीत बिन्दीया का रंग उड़ा जाए, सैयां मिले लरकैयां मै का करूं, माने न पायलिया शोर करे और हमरी अटरिया पे आ जा रे सांवरिया को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर गुंजित ने अपनी सुमधुर आवाज में गजलों की सुरभि से श्रोताओं को सुरभित किया।
इसके अलावा भारत हस्तशिल्प महोत्सव में चारु काव्यांगन द्वारा कवि सम्मेलन भी आयोजित हुआ। डॉ. अजय प्रसून की अध्यक्षता में जय शंकर मिश्र, डॉ. रेनू द्विवेदी, श्रीश चन्द्र दीक्षित, डॉ. शिव मंगल सिंह मंगल,  विनोद कुमार द्विवेदी, सिद्धेश्वर शुक्ल क्रांति, डॉ. अनिल मिश्र, कुँवर कुसुमेश, कमल किशोर भावुक, अशोक अवस्थी, सरोज बाला सोनी सहित अन्य कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कार्यकम का संचालन सम्पूर्ण शुक्ला और अरविन्द सक्सेना ने किया।

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