Pages

आकर्षण का केंद्र रही प्रभु श्रीराम विवाह की भव्य झांकी, जमकर झूमें भक्त

लखनऊ। प्रभु श्रीराम सहित चारों पुत्रों संग जब राजा दशरथ बारात लेकर मिथिला नगरी पहुंचे तो भक्तों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। वहीं आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां... जैसे गीतों पर भक्त झूम उठे। मौका था विश्वनाथ मन्दिर के 31वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा के पांचवें दिन रविवार को मनाए गए श्रीराम विवाहोत्सव का। इस मौके पर प्रभु श्रीराम विवाह की भव्य झांकी आकर्षण का केंद्र रही। 

कथा व्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने बताया कि गुरु विश्वामित्र के साथ जब प्रभु श्रीराम व भ्राता लक्ष्मण जनकपुरी पहुंचे तो उनकी मनोहारी छवि देख सभी आश्चर्यचकित रह गए। फुलवारी प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने बताया कि जिस समय प्रभु श्रीराम पुष्प लेने के लिये पुष्प वाटिका में पहुंचे उसी समय माता सुनैना की आज्ञा पाकर मैया सीता भी गौरी का पूजन करने के लिये वहां पधारी।गौरी का पूजन करके मैया सीता श्रीराम को ही अपने पति के रूप में प्राप्त करने की इच्छा मां से प्रकट करती हैं। 

भगवान श्रीराम के विवाह का प्रसंग सुनाते हुये आचार्य गोविंद मिश्रा ने कहाकि सखियों के साथ जगत जननी जानकी पधारी तो सखियां भगवान राम से कहतीं हैं ‘‘छुक जाओ नेक रघुवीर कि लली मेरी छोटी है...’’ यह सुनकर भगवान राम ने सिर झुकाना चाहा तो दूसरी सखी बोली देखो रघुवंशी का सिर झुक रहा है तो भगवान राम ने सिर सीधा कर लिया। ऐसा देखकर सखियां गाने लगीं ‘‘माला गिर गई गिर गई माला गिर गई...’’ ऐसा सुनकर भगवान श्रीराम नींचे देखने लगे तो मौका पाकर सीताजी ने प्रभु श्रीराम को जयमाल पहना दी और श्री रघुनाथ जी के हृदय पर जयमाल देखकर देवतागण फूल बरसाने लगे। वहीं "मिथिला नगरिया की चिकनी डगरिया...", "भगत के वश में हैं राम..." जैसे भजनों संग प्रभु श्रीराम व माता सीता के विवाह का अदभुत दृश्य देख भक्त जमकर झूमे। 

वहीं रासलीला में कलाकारों ने बखूबी मंचन कर भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का दर्शन कराया। इस मौके पर पूर्व पार्षद बृज किशोर पाण्डेय, गौरी फूड्स के डायरेक्टर राघव अग्रवाल, कमलेश दुबे, कौशल किशोर पाण्डेय, कांति पाण्डेय, शेषमणि तिवारी, ज्ञानवती तिवारी, गायत्री पाण्डेय, शिवानी गुप्ता, मधु श्रीवास्तव, कुमुदबाला सहित काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ