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विश्वनाथ मंदिर : श्रीरामकथा में मनाया गया श्रीराम जन्मोत्सव, जमकर झूमें भक्त

श्रीराम कथा के श्रवण से नष्ट हो जाते हैं सांसारिक पाप - आचार्य गोविंद मिश्रा

लखनऊ। धन धन चैत महिनवा..., जन्में चारो भैया, अवध में बाजे बधइयां..., जन्में राम रघुरैया..." सहित अन्य भजनों पर भक्त जमकर झूमे औऱ प्रभु श्रीराम के जयकारों से कथा स्थल गुंजायमान हो गया। मौका था सेक्टर ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में स्थित श्रीरामलीला पार्क में चल रहे मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीरामकथा के तीसरे दिन शुक्रवार को मनाए गए श्रीराम जन्मोत्सव का।
जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाते हुये कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने कहाकि दुष्टों का संहार करने, धर्म की स्थापना करने, गौ साधु-संतों व भक्तों की रक्षा करने के लिये भगवान राम ने अवतार लिया। राजा दशरथ के घर में चार लालाओं का जन्म हुआ तो पूरे अवध में बधाई बजने लगी और सभी लोग नाचने-गाने लगे। कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने कहाकि राजा दशरथ जी ने जब पुत्र जन्म का संदेश सुना तो उन्हें ब्रह्मानंद की प्राप्ति हुई।श्रीराम, भगवान विष्णु का सातवां अवतार हैं, भगवान का इंसान रूप में यह अवतार मानव को समाज में रहने के सूत्र सिखाता है। 
उन्होंने बताया कि इस जगत में भगवान श्रीराम जैसा दूसरा चरित्र नहीं है। प्रभु श्रीराम की कथा के श्रवण मात्र से ही जीव के तमाम सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान को प्राप्त करने के लिए हमें सरलतापूर्वक भक्ति करना चाहिए। संसार के प्रत्येक प्राणी को भगवान श्रीराम का अनुसरण करना चाहिए। वहीं रासलीला में कलाकारों ने पूतना वध सहित कई दृश्यों का बखूबी मंचन किया। इस मौके पर कमलेश दुबे, आशा मिश्रा, मीरा पाण्डेय, बृज किशोर पाण्डेय, वरुण श्याम पाण्डेय, जयंती सिंह, अमित यादव, शाश्वत पाठक, शम्भू शरण वर्मा, मिथिलेश श्रीवास्तव, रवीश चंद्र श्रीवास्तव, राज वर्मा, नीलम वर्मा सहित काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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