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विश्वनाथ मंदिर : शिव पार्वती विवाह में जमकर झूमे भक्त, जन्में कान्हा

लखनऊ। दूल्हा बने भोलेनाथ, भूत प्रेतों संग बाराती बने भक्त।विश्वनाथ मन्दिर के 31वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-"ए" सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा के दूसरे दिन गुरुवार को शिव पार्वती विवाह की भव्य झांकी आकर्षण का केंद्र रही और भक्त जमकर झूमें। कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने बताया कि भगवान के भक्तों का कभी भी उपहास नहीं चाहिए। मां भगवती पार्वती की तपस्या व भगवान शंकर के प्रति अनन्य प्रेम देखकर सप्त ऋषियों ने मां पार्वती की वन्दना करते हुये उनकी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। 

'नगवा तो मैना जी पे छोड़े फूँफकार हो, कलइया में बिच्छू मारे परिछन की बार हो...’’ भगवान शंकर के विवाह का प्रसंग सुनाते हुये कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने कहाकि बारात पहुंचने पर माता मैना थाली सजाकर हर्ष के साथ भगवान शंकर का परछन करने चली लेकिन भोलेनाथ का भयानक रूप देखकर भयभीत हो गई। उन्होनें बताया कि जब भगवान शंकर ने पाणिग्रहण किया तब सभी देवता ह्दय से बड़े हर्षित हुये और श्रेष्ठ मुनिगण वेदमंत्रों का उच्चारण व देवगण शिवजी की जय-जयकार करने लगे। 

वर्तमान में फैली तलाक जैसी कुरीति पर व्याख्या करते हुये आचार्य गोविंद मिश्रा ने कहाकि माता-पिता के द्वारा उचित संस्कार न देना इसका सबसे बड़ा कारण है। ‘‘करहूं सदा शंकर पद पूजा, नारि धरम् पतिदेव न दूजा।।’’ पहले मातायें कन्या की विदाई के वक्त शिक्षा देती थी कि सास-ससुर व परिवार की सेवा करना परम् कर्तव्य है और वर्तमान में विदाई के वक्त कन्या को समझाया जाता है कि बेटी डरना नहीं। वहीं रासलीला में वृंदावन के कलाकारों ने श्रीकृष्ण जन्म सहित कई दृश्यों का शानदार मंचन किया। इस मौके पर मंजू गुप्ता, वीरेंद्र प्रताप सिंह, वरुण श्याम पाण्डेय, अमित यादव, ज्वाला प्रसाद सिंह, आशा मिश्रा, पंचवटी पाण्डेय, रामकुमारी सोनी, सरिता पाण्डेय सहित काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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