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युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार कृतसंकल्पित - कपिलदेव अग्रवाल

1250 से अधिक रोजगार मेलों के माध्यम से 1 लाख 20 हजार युवाओं को मिला रोजगार

लखनऊ। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कृतसंकल्पित हैं। युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार देना और प्रदेश में उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुरूप कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। अब सुधरी हुई कानून व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति एवं उद्योगों की मददगार नीतियों व अनुकूल वातावरण के कारण देश-विदेश के निवेशकों का रूझान प्रदेश में बढ़ रहा है। उद्यागों को चलने के लिए कुशल जनशक्ति की उपलब्धता एक बड़ी आवश्यकता है और इसी को देखते हुए सरकार ने कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और तेजी से तथा अधिक उपयोगिता के साथ बढ़ाने का संकल्प लिया है। राजकीय आईटीआई परिसर अलीगंज में सोमवार को आयोजित रोजगार उत्सव में उक्त बातें प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहीं। उन्होंने वृहद रोजगार मेले का फीता काटकर तथा दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों में 7 लाख 50 हजार युवाओं को रोजगार दिलाया गया है। इनमें पिछले 02 वर्ष भी सम्मिलित हैं, जिनमें कोविड प्रोटोकाॅल के कारण रोजगार मेला और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थगित रहा है, जिस कमी को इस वर्ष पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मिशन और आईटीआई द्वारा 1250 से अधिक रोजगार मेलों का आयोजन प्रदेश में किया जा चुका है, जिसमें 1 लाख 20 हजार युवाओं को रोजगार दिलाया गया है। इसके अलावा 5,800 से अधिक युवाओं को अप्रेटिंसशिप की सुविधा उद्यागों में उपलब्ध करायी गयी है। जबकि 20 हजार से अधिक युवाओं को डुअल ट्रेनिंग माॅड्यूल के जरिये रोजगार के साथ प्रशिक्षण की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। पिछले दो वर्ष में आन जाॅब ट्रेनिंग के अन्तर्गत 1 लाख 30 हजार युवाओं को उद्योगों में आनजाॅब प्रशिक्षण दिया गया है। 

कौशल विकास राज्यमंत्री ने कहाकि आने वाले दिनों में हम प्रदेश के युवाओं के लिए विदेशों में भी रोजगार उपलब्ध कराएंगें। विभाग की अन्य उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के बाद रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक पाइलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसमें पहले चरण में 2,100 दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी भाँति महिला संरक्षण गृहों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं, विचाराधीन बन्दियों तथा सुधार गृहों निरूद्ध किशोरों को भी हुनरमंद बनाकर समाज और विकास की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा आईटीआई में पढ़ने वाली और कौशल प्रशिक्षण लेने वाली छात्राओं को सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) के विषय में भी जानकारी दी जा रही है। पहले चरण में 10 हजार छात्राओं के लिए आयोजित सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग में छात्राओं को प्रमाण-पत्र के साथ-साथ आत्मरक्षा किट (निर्भया किट) भी उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे वे सुरक्षा व सम्मान के साथ अपनी पढ़ाई कर सकें और प्रशिक्षण ले सकें।

नई शिक्षा नीति के साथ कौशल विकास के प्रशिक्षण को जोड़ने के बिन्दु पर मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 150 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों तथा 54 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में भी कक्षा 09 से 12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए कौशल प्रशिक्षण की कक्षाएं संचालित की जा रही है। ताकि उन्हें समग्र शिक्षा की अवधारणा से जोड़ा जा सके, इस वर्ष 26 हजार छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। 

कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा नये पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण आरम्भ करने के विषय पर बोलते हुए कौशल विकास मंत्री ने कहा कि इस वर्ष ड्रोन टेक्नोलाॅजी तथा क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी फ्यूचर एज स्किल्स में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ओडीओपी के उत्पादों से संबंधित जाॅब-रोल में भी कौशल उन्नयन की कार्यवाही की जा रही है। उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेजों तथा स्टार्टअप इकाईयों को भी मिशन के साथ जोड़ा जा रहा है।
बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद क्षेत्रीय विधायक डा. नीरज बोरा ने कहाकि इस मेले में लगभग 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में रोजगार मेले का आयोजन हो रहा है। दूसरे प्रदेशों से भी कंपनियां रोजगार मुहैया कराने के लिए यूपी आ रही है। आने वाला कल यूपी का स्वर्णिम काल होगा जब यूपी के युवा रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में नहीं जाएंगे बल्कि दूसरे प्रदेशों के युवा यूपी में नौकरी करेंगे। युवाओं बेटियों को नौकरी मिल रही है जो खुशी की बात है। उन्होंने युवाओं से कहाकि आपको अपनी पहचान बनाने के लिए परिश्रम करना पड़ेगा।
मेले की समाप्ति पर प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा सभी रोजगार मेले में भाग लेने वाली सभी कम्पनियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया गया। रोजगार पाने वाले सभी युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। प्रधानाचार्य आरएन त्रिपाठी ने बताया कि इस संस्थान में प्रत्येक माह लगभग 5 रोजगार मेले लगाये जा रहे है आईटीआई उत्तीर्ण एवं अन्य युवायों को रोजगार मेला लगाकर रोजगार दिलाया जा रहा है, उसी का परिणाम रहा है कि इतनी ज्यादा कम्पनियाँ और अभ्यर्थी का प्रतिभाग करना आज के रोजगार मेले में दिख रहा है।एमए खाँ ट्रेनिंग काउंसिलिंग एण्ड प्लेसमेन्ट आफिसर ने बताया कि रोजगार मेले में लगभग 8500 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए जिसमें कुल 108  कम्पनियों ने 4743 अभ्यर्थियो को रोजगार के लिए जाॅब आफर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुभाष चन्द्र शर्मा (आईएएस, प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उप्र) ने किया। आन्द्रा वामसी (आईएएस, मिशन निदेशक, उप्र कौशल विकास मिशन, लखनऊ) एवं हरिकेश चौरसिया (आईएएस, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उप्र, लखनऊ), नीरज कुमार (अपर निदेशक, प्रशिक्षण/शिशिक्षु), भगवत दयाल (संयुक्त निदेशक, प्रशि0/शिशिक्षु, लखनऊ मण्डल), एके प्रजापति (सहायक निदेशक, क्षेत्रीय जिला सेवायोजन कार्यालय, लखनऊ), राजीव यादव (सहायक निदेशक, कौशल विकास), ओपी सिंह (प्रधानाचार्य), शिव राम कृष्णा एवं संजय कुमार श्रीवास्तव की गरिमामयी उपस्थित रही।

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