उन्होंने बताया कि महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में रोजाना भारत के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। जिसमें उत्तर प्रदेश का ख्याल नृत्य, रास नृत्य, झूला नृत्य, मयूर नृत्य, धोबिया नृत्य, चरकुला नृत्य, कठफोड़वा नृत्य, जोगिनी नृत्य, आल्हा-ऊदल गायन, राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया नृत्य, तेराताली नृत्य, गेर नृत्य, पंजाब का गिद्दा-भांगड़ा, हरियाणा का झूमर नृत्य, बिहार का जाट जाटिन नृत्य, झारखंड का फगुआ नृत्य, करमा नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, दसावतार और डिंडी नृत्य, गुजरात का गरबा नृत्य के साथ अन्य राज्यों के लोक नृत्य और लोक गायन के कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, कठपुतली, बिरहा और आल्हा के कार्यक्रम होंगें।
उन्होंने बताया कि लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव के फूड जोन में कश्मीरी, राजस्थानी, पंजाबी, साउथ इण्डियन, गुजराती, चाइनीज, अवधी-मुगलई के अलावा देशी बाटी चोखे के स्टाल आकर्षण के केन्द्र होंगे। इसके अलावा फन जोन में बच्चों के लिए तमाम तरह के आकर्षक झूले, खिलौने होंगे। लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव में भारत के हस्तशिल्पियों को बढावा देने के लिए 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट्स, खादी ग्रामोद्योग, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के समान, सहारनपुर का फर्नीचर, भदोही की कालीन, कश्मीर और लद्दाख में बने हुए गर्म कपड़े, शाल, गुजरात की साड़ियां व लहंगे, कानपुर का चमड़े का सामान, घरेलू सामानों और लघु इकाइयों द्वारा निर्मित अचार, पापड़, क्राॅकरी, मेवे व अन्य सामानों के स्टाल होंगे।
उन्होंने बताया कि लखनऊ हस्तशिल्प महोत्सव में बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षक झूलों के साथ ऊँट की सवारी की भी व्यवस्था की गई है। लोगों की सुरक्षा के लिए पूरे महोत्सव परिसर और परिसर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। महोत्सव के सभी प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर और सुरक्षा गार्डो द्वारा सघन जांच के बाद ही लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। इसके अलावा महोत्सव स्थल पर अस्थाई पुलिस चौकी भी प्रशासन के सहयोग से होगी। प्रेसवार्ता में अरुण प्रताप सिंह, विनय दुबे, रनवीर सिंह, गुंजन वर्मा, मनोज सिंह चौहान, शुभांकर भट्टचार्य, शिमुल बासु राय, हेमू चौरसिया, संदीप शुक्ला, अमित तिवारी, मुकेश मिश्रा और प्रदीप शुक्ला सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
0 टिप्पणियाँ