Pages

अश्लीलता फैलाना निन्दनीय, पढ़ायेंगे सामाजिक मर्यादा का पाठ

चौपाल में शिशिर ऋतु और लोक जीवन संग हज़रतगंज के वायरल वीडियो पर हुई चर्चा

माघहि मास नहायौ, अगिन नाहीं ताप्यो, बिधि से भूख्यौ इतवार...

लखनऊ। माघ मास और लोक जीवन पर केन्द्रित लोक चौपाल में रविवार को शिशिर ऋतु की विशिष्टताओं, खान-पान व परिधान पर चर्चा हुई। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा प्रतिमाह होने वाली लोक चौपाल में इस बार हजरतगंज में गत दिनों एक युवक-युवती द्वारा वाहन पर आपत्तिजनक मुद्रा में विचरण किये जाने सम्बंधी वायरल वीडियों का मामला उठा। चौपाल चौधरी प्रो. कमला श्रीवास्तव, वरिष्ठ साहित्यकार डा. विद्याविन्दु सिंह, डा. रामबहादुर मिश्र की उपस्थिति में आनलाइन हुई चौपाल में अश्लीलता के नग्न प्रदर्शन की निंदा करते हुए संकल्प लिया गया कि अपने घर के किशोरों पर नज़र रखी जाएगी और उन्हें परिवार की प्रतिष्ठा तथा सामाजिक मर्यादा का पाठ पढ़ाया जायेगा।  

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. कमला श्रीवास्तव ने बसन्त और गणतंत्र दिवस पर आधारित संगीत रचना झूमता मधुमास आया के गायन से की। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डा. विद्याविन्दु सिंह ने प्रकृति के प्रति निरंतर संवेदनशील लोक संस्कृति की विराट चेतना का स्मरण करते हुए माघ माह के पर्वों की महत्ता बतायी। उन्होंने कहा कि माघ महीना स्नान और पुण्य दान का महीना है- माघहि मास नहायौ, अगिन नाहीं ताप्यो, बिधि से भूख्यौ इतवार, संतति फल पायो... जैसे लोक गीत इसकी महिमा गाते हैं। लोक संस्कृति अध्येता डा. रामबहादुर मिश्र ने कहा कि लोक जीवन में माघ महीने का विशेष महत्व है क्योंकि इसी महीने में तिलवा, खिंचती, मौनी अमावस और बसंत के पर्व आते हैं। शिशिर ऋतु होने के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। माघ महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी को ढाह गाड़कर फाग गीतों का गायन प्रारंभ हो जाता है।

चौपाल में बसन्त के स्वागतार्थ गीत-संगीत की प्रस्तुतियां भी हुईं। वरिष्ठ साहित्यकार डा. करुणा पांडे, डा. संगीता शुक्ला, डा. अपूर्वा अवस्थी, डा. सुरभि सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। वरिष्ठ लोकगायिका इन्द्रा श्रीवास्तव, इन्दू सारस्वत, रीना टण्डन, सरिता अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, लोकगायिका अंजलि सिंह, अरुणा उपाध्याय, रेखा मिश्रा, कल्पना सक्सेना, सरिता श्रीवास्तव, चित्रा जायसवाल, शकुन्तला श्रीवास्तव, नवनीता ज़फा, अपर्णा सिंह, सुनीता पाण्डेय, रेनू दुबे, अंजू अग्रवाल आदि की उपस्थिति रही। चित्रकार ललिता पाण्डेय एवं सुनीता पाण्डेय ने माघ माह के त्योहार पर आधारित लोक चित्र व वीणावादिनी के चित्र प्रस्तुत किये। संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने सभी का आभार जताया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ