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पूर्ण जीवन जीने के लिए सस्टेनेबिलिटी आवश्यक

"सस्टेनेबिलिटी एंड एजाइल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज" कॉन्क्लेव में सस्टेनेबिलिटी के महत्व पर हुई चर्चा

लखनऊ। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने "सस्टेनेबिलिटी एंड एजाइल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज" विषय पर मार्केटिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कॉन्क्लेव के दौरान वक्ताओं ने सस्टेनेबिलिटी और त्वरित लागू की जाने वाली मार्केटिंग प्रथाओं को लागू करने में अपने अनुभवों और बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा किया, जिससे उपस्थित लोगों के लिए बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई।  कॉन्क्लेव के दौरान वर्तमान में सस्टेनेबिलिटी के महत्व और इसे बढ़ावा देने में कंपनियों की भूमिका पर जोर दिया गया।
एएमए हर्बल ग्रुप ऑफ कंपनीज के को-फाउंडर और सीईओ यावर अली शाह ने वर्तमान समय में सस्टेनेबिलिटी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "कोई भी समझौता किए बिना एक पूर्ण जीवन जीने के लिए सस्टेनेबिलिटी आवश्यक है। यदि समय रहते इसको नहीं अपनाया गया तो आने वाली पीढ़ियों को इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने होंगे।"
 
श्री शाह ने कहा, "जैसे-जैसे अधिक उपभोक्ता सस्टेनेबल प्रोडक्ट्स का उपयोग करना शुरू करेंगे, इनकी मांग बढ़ेगी। अरबों डॉलर का निवेश सस्टेनेबिलिटी की पहल में किए जाने के बावजूद, दुर्भाग्य से सस्टेनेबिलिटी की प्रवृत्ति में कमी आ रही है।" उन्होंने बायो-डीग्रेडबल और रीसाइक्लिंग किए जा सकने वाले प्रोडक्ट्स के बीच अंतर पर भी चर्चा की और कहा, "बायो-डीग्रेडबल प्रोडक्ट्स मिट्टी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और उर्वरता को बनाए रखते हैं। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए पिछले 70-75 वर्षों में काफी विकास किया गया है और यह प्रथा तब तक जारी रहेगी जब तक कि उपभोक्ता इसे बदलने के लिए कदम नहीं उठाते।" 
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे सस्ते उत्पादों की तलाश में हमने पारिस्थितिकी संतुलन को बिगाड़ दिया है।  उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योगों की तुलना में सस्टेनेबिलिटी उपभोक्ताओं की बड़ी जिम्मेदारी है।
अन्य वक्ताओं में विशाल भुसारी (सीनियर डायरेक्टर,  आरजीएम एंड कमर्शियल एक्सीलेंस एपीएसी/मिडिल ईस्ट/अफ्रीका सीनियर डायरेक्टर सेल्स, साउथ एशिया, केलॉग्स), गगन अरोड़ा (सीएमओ, प्रिस्टिन केयर, गुरुग्राम), जय अग्रवाल (एमडी, सी.पी. मिल्क एंड फ़ूड प्रोडक्ट्स, लखनऊ) और वेद कृष्ण (संस्थापक पक्का इंक, यूएसए) शामिल थे।

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