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उत्तरायणी कौथिंग : झोड़ा नृत्य संग पहाड़ी गीतों ने बांधा समां

लखनऊ। पर्वतीय महापरिषद द्वारा आयोजित उत्तरायणी कौथिग 2023 के तीसरे दिन मंगलवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य रूप से पिथौरागढ़, जमराही गाँव, उत्तराखण्ड से आए कैलाश कुमार ने अपने पहाड़ी गीतों से समां बांधा। कैलाश ने पारम्परिक गीतों के साथ अपने हिट गीत ’’करमे की खानी व खिड़की मा बैरोली’’ गीत गाकर कौथिग में उपस्थित दर्शकों की वाह-वाही लूटी। वहीं देहरादून से आए हंसा ग्रुप के कलाकारों ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल के लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। लोहाघाट, उत्तराखण्ड से आए भैरव राय के ग्रुप ने भी अपनी  षानदार प्रस्तुतियां दीं। 

उत्तरायणी कौथिग में प्रातः कालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में सरोजनी नगर से मंजु नेगी, एलडीए सरोजनी नगर से बीना रावत, रामलीला समिति तेलीबाग से राजेन्द्र सिंह, रामलीला समिति तेलीबाग से दीपा ऐरी, ने क्रमशः ’’बाज नी काट लछिमा’’, ’’सच बताए पार्वती’’, ’’उत्तरायणी म्यल लागि..." एवं ’’मेरी साली रंगीली साली’’  गीतों पर साामुहिक झोड़ा गायन व नृत्य एवं सरोजनी नगर सांस्कृतिक दल ने ’’जन बासे घुघुती रूणा-झुणा’’ व अन्य गीतों में बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। 
वहीं उत्तराखण्ड का मशहूर लोक नृत्य झूमिगो, छपेली की प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें समीहा ग्रुप गोमती नगर, रामलीला समिति तेलीबाग, पर्वतीय महापरिषद शाखा गोमती नगर एवं गोमती नगर विस्तार के दलों ने प्रतिभाग किया।  कार्यक्रमों का संचालन महेन्द्र पन्त एवं गोविन्द बोरा द्वारा किया गया। मीडिया सहप्रभारी भुवन पाण्डेय ’’जहाँवासी’’ ने बताया कि ’’झूमिगो छपेली प्रतियोगिता’’ उत्तराखण्डी बोली भाषा एवं संस्कार को समर्पित है।
उत्तरायणी कौथिग स्थल पर शेल्बी आर्थोपीडिक्स सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस, आईआईएम रोड द्वारा स्टाॅल लगाकर हड्डी एवं जोड़ रोगों से सम्बन्धित जागरूकता कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में निःशुल्क बीपी, सुगर, चिकित्सक परामर्श 23 जनवरी तक मेला प्रांगण में उपलब्ध रहेगा। हेमंत गड़िया (मीडिया प्रभारी) ने बताया कि कौथिग स्थल पर पर्वतीय महापरिषद द्धारा संचालित चिल्लर कोष एक रूपया प्रति दिन का सदस्यता चला। जिसमें भारी संख्या में लोगो ने चिल्लर कोष की सदस्यता ग्रहण की। जिसका उपयोग किसी जरूरत मंद संदस्य व परिवार को किसी आपातकालीन स्थिति में सहयोग किया जाता है। अभी तक कौथिग स्थल पर 1000 चिल्लर कोष के सदस्य बन चुके है। जिसका पूर्ण लेखा -जोखा महापरिषद के कोषाध्यक्ष केएस रावत देख रहे है।

कार्यालय व्यवस्था में हरीश काण्डपाल, केएन पाण्डेय, बसंत भटट, डीडी नरियाल, गोपाल दत्त जोशी, पियूष पाण्डेय, ज्ञान पंत, केसी पंत, जितेन्द्र उपाध्याय, केएस मेहता, पुष्कर नयाल, रविन्द सिह बिष्ट, गोपाल गौलाकोटी, संजय पाण्डेय, आन्नद सिह भण्डारी, एनके पाठक, चंद्रशेखर तिवारी, सूरज सिह, महिला पदाधिकारी माया भटट, चित्रा काण्डपाल, सुमन मनराल सहित कई पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

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