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उत्तरायणी कौथिग : सांस्कृतिक कार्यक्रमों संग सम्मानित हुईं विभूतियां

लखनऊ। उत्तरायणी कौथिग 2023 के आठवें दिन भगवान बागनाथ जी मन्दिर (प्रतीक) में (जोकि निरन्तर 10 दिन तक कार्यक्रम स्थल पर प्रज्वलित रहती है) विधिवत पूजा अर्चना, छोलिया दल के साथ कार्यक्रमों का शुभारम्भ हुआ।

10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग का ऐतिहासिक महत्व उत्तरायणी कौथिग(मेले) को स्थानीय भाषा में घुघतियां त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है इस दिन संगम स्थल पर उत्तरायणी कौथिग को विषेष आयोजन होता है जो कि कई दिनों तक चलता है। सायंकालीन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट एवं विशिष्ठ अतिथि बृजेश सिह (लोक निर्माण राज्यमंत्री) ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन मंत्रोउच्चारण के साथ किया। मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चन्दोला, अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र सिह रावत एवं मोहन सिह बिष्ट ‘मोना‘ ने माला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर अतिथियों का स्वागत किया। 
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि हम लोग यहां पर रहकर अपनी संस्कृति को जीवंत रखे है ये अच्छी बात है लेकिन हमें अपने पैतृक गांव भी जाना चाहिए। महापरिषद के महासचिव महेन्द्र सिह रावत ने मुख्य अतिथि के सामने लखनऊ के पर्वतीय महापरिषद भवन में पर्यटन जागरूकता हेतु एक केन्द्र स्थापित करने की मांग रखी। इस अवसर विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों मेंं उत्कृष्ट कार्य कर ररही विभूतियों को सम्मानित किया गया। डा. एमसी पंत चिकित्सा सम्मान डा. रितेश जुयाल को, दिवान सिह डोलिया कला सम्मान गणेश जोशी को, गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान महेश चन्द सकलानी “दिनेश” को, युवा सम्मान शंकर पाण्डेय को, गौरा देवी सम्मान चित्रा काण्डपाल को, खेल सम्मान यशवर्धन सिह नेगी को, बीएम शाह नाटय सम्मान पीयूष पाण्डेय को व उत्तरायणी विशेष सम्मान पूरन जोशी को दिया गया।
सायंकालीन सत्र में पर्वतीय महापरिषद के टाइटिल गीत "उत्तराखण्ड देवभूमि तेरो जय..जयकार छ..." के साथ सांस्कृतिक प्रभारी महेन्द्र पंत एवं सांस्कृतिक सचिव गोविन्द बोरा के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग के सहयोग से खटीमा उत्तराखण्ड से शंकर सिंह, अशोक खड़का एवं कोमल राणा के निर्देशन में ’’व्याख्या जनजागृति सांस्कृतिक समिति’’ द्वारा किरण राणा (गायिका), रविराज (गायक)  नन्दा राजजात यात्रा एवं देवीधुरा का बग्वाल नृत्य पर मनोहर सिह, अमित, शिव राज, मधु राणा, पूजा एवं शीतल ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
प्रातः कालीन सत्र में अपनी बोली भाषा एवं संस्कार को समर्पित कार्यक्रम के अर्न्तगत झोड़ा नृत्य नीलमथा मुन्नी रावत के नीलमथा कठरी बाग से कमला रावत, नील मथा पटेल नगर से ललिता पिल्खववाल, नीलमथा विजय नगर से गंगा भटट, पंतनगर से हेमा डोलिया एवं सुधा चन्दोला, भरत नगर, प्रीति नगर के मध्य प्रतियोगिता आयोजित हुई।
’’झूमिगो’’ छपेली प्रतियोगिता में इन्दिरा नगर -2 की बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति रही। जिसमें नृत्य निर्देशिका दीपा पाण्डेय के नेतृत्व में फाइनल राउंड में पहुँची गोमती नगर की टीम, इन्दिरा नगर प्रथम, तेलीबाग, ज्वहार सांस्कृतिक संगठन टीमों ने प्रतिभाग किया। इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में गोपाल दत्त जोशी, हरीश सनवाल व पियूष पाण्डेय ने संचालन भूमिका में रहे।

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