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उत्तरायणी कौथिंग : गोमा तट पर बिखरी उत्तराखण्डी गीतों की सतरंगी छटा

लखनऊ। पर्वतीय महापरिषद द्वारा आयोजित 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग 2023 के तीसरे दिन सोमवार को सांध्यकालीन सत्र का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद बीना भट्ट (निदेशक संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड) ने दीप प्रज्वलित कर किया। महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चन्दोला, अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र रावत ने पुष्पगुच्छ देकर व महिला शाखा की सरोज खुुल्बे, मोहनी धपोला, रमेश उपाध्याय, कृपाल सिंह रावत, बीबी भट्ट एवं केएन पाठक ने पुष्पगुच्छ व युवा शाखा के दीपक चिलकोटी एवं चन्द्रकांत जोशी ने प्रतीक चिन्ह देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि ने संस्कृति के क्षेत्र में किए गए उत्तम कार्य के लिए पर्वतीय महापरिषद द्वारा दिए जाने वाले दिवान सिह डोलिया लोक कला सम्मान से एडवोकेट गणेश जोशी को सम्मानित किया। उत्तराखण्ड से आए कुमायुं लोक सांस्कृतिक कला दर्पण लोहाघाट, चम्पावत के भैरव राय के नेतृत्व व गायक प्रदीप कुमार, कमल कुमार, गायिका मंजू एवं हेमा, म्यूजिशियन पंकज, जीवन सिंह मेहता, प्रकाश राय, विरेन्द्र सिंह, गौरी, विकास, निकिता आर्या, निकिता फर्तयाल, अमन, विनोद, विनय, अदिति, कमला, भूमिका, सुमन द्वारा तेरी झुकी नारायन (वन्दना), तेरी रंगीली पिछोड़ी, रंगीली भाना, छमला बिलोरी, झोड़ा-चांचरी के गीतों से शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। गीतों में मुख्य आकर्षण कृषि आधारित गीत "मोतिया बल्द’’ रहा।

भुवन पाण्डेय ’जहाँवासी’ ने बताया कि कौथिंग स्थल पर उत्तराखण्ड, बागेश्वर का सुप्रसिद्ध वाद्ययन्त्र ’’हुड़का’’ का स्टाल भी लगा है। मीडिया प्रभारी हेमंत सिंह गड़िया ने बताया कि कौथिग स्थल में उत्तराखण्डी खाद्य पदार्थों के स्टाल, गहत, राजमा, भटट, झवरा, मटुवे का आटा, जखया, बुरास का जूस, आवले, माल्टे का जूस, लोहे के बर्तन, कड़ाई, तवा, दरान्ती, ड्राई फ्रूट्स, अचार नीबू, आवला, अदरक, लहसुन व ऊनी कपड़े सहित कई स्टाल्स है।

उत्तरायणी कौथिग में प्रातः कालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में महिला दलों द्वारा समूह लोकनृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसके प्रभारी गोविन्द बोरा, निर्णायक मंडल में अकांक्षा आनन्द, सरिता सिंह एवं मंजू मलकानी व संचालक रमेश उपाध्याय रहे।  उत्तराखण्डी गीतों की छपेली प्रतियोगिता में 12 दलों की 60 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम हेमा मिश्रा के दल अवध ड्रीम डांस एकेडमी, द्वितीय सरोज खुल्बे के दल इन्दिरा नगर (प्रथम), तृतीय तनु संगवाल के दल इन्दिरा नगर (द्वितीय) ने पुरस्कार प्राप्त किए। 
वहीं उत्तराखण्ड का मशहूर लोक नृत्य झूमिगो की प्रतियोगिता सायं 6 बजे आयोजित की गई। जिसमें कल्याणपुर, इन्दिरा नगर, विकास नगर एवं कुर्मांचल नगर के कलाकारों ने दलों के रूप में भाग लिया। चंचल सिंह बोरा के नेतृत्व विकास नगर के कलाकारों ने "घास कटनू ईजू ऊँचा डाना मां’’ एवं ’’हे दीदी हे भूली’’ गीतों में अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रमों का संचालन राजेश भट्ट ने किया।
उत्तरायणी कौथिग स्थल पर पर्वतीय महापरिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं केजीएमयू पल्मोनरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में निःशुल्क चिकित्सा एवं जांच शिविर का आयोजन किया गया। पर्वतीय महापरिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डा. बीएस नेगी ने बताया कि केजीएमयू पल्मोनरी के हेड प्रोफेसर सूर्यकांत ने मेला स्थल पर प्रतिदिन चिकित्सकों की टीम भेजने की व्यवस्था की। सोमवार को शिविर में डा. सीपी गौड़, डा. प्रियंका भट्ट, मंजू नेगी, यशराज, जगदीश बिष्ट ने अपनी सेवा प्रदान की। शिविर में लगभग 250 लोगों की जांच कर दवा वितरित की गई।

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