google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> लखनऊ में विकास कार्यों का गजब हाल, सिस्टम की कारगुज़ारी और जनता बेहाल

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लखनऊ में विकास कार्यों का गजब हाल, सिस्टम की कारगुज़ारी और जनता बेहाल

यहां सब कुछ मुमकिन है, अजब गजब विकास

किसी भी शहर, गांव के विकास के लिए करोड़ों का बजट जाती होता है। जनता के टैक्स से सड़क, नाली, पुल, पार्क जैसे बुनियादी सुविधाओं वाले कामों का खाका तैयार किया जाता है। इन सब कामों के लिए एक व्यवस्था के तहत विभाग बनाए गए हैं तो कामों को धरातल पर उतारने के लिए अफसरों को तैनात किया गया है, इनमें प्रशासनिक सेवा के अफसर भी शामिल हैं। आईएस, पीसीएस से लेकर स्तर के अधिकारी, मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता जब फाइल जब आगे बढ़ाते हैं तभी विकास कार्य की रफ्तार बढ़ती है

आखिर ये सब हम आपको क्यों बता रहे हैं, आप भी ये सब भलीभांति जानते हैं मगर आज की सुर्खियां बनी कुछ महत्वपूर्ण खबरों को पढ़िए तो पूरी व्यवस्था से ही भरोसा टूट जायेगा। ये खबरे आपने भी पढ़ें होंगी। 

देखिए, पढ़िए और समझिए

पीएम आवास योजना में लापरवाही, संपत्ति प्रबंधक निलंबित

प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर उप्र आवास एवं विकास परिषद के सम्पत्ति प्रबंधक ब्रिजेश कुमार को निलंबित किया गया है। आरोप है कि परिषद की अवध विहार योजना के अन्तर्गत मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति के सम्बन्ध में आवास आयुक्त की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत अवध विहार योजना में काफी अधिक संख्या में एम.आई.एस. पोर्टल पर इन्ट्री अवशेष पायी गयी। इसके अलावा आवंटियों को भवनों का कब्जा भी नहीं दिया गया। इसके साथ-साथ सम्पत्ति प्रबंधक अवध विहार योजना की ओर से समीक्षा बैठक में भी मौजूद नहीं थे। उन्होंने उच्चाधिकारियों की ओर से दूरभाष पर सम्पर्क करने पर किसी प्रकार का उत्तर नहीं दिया। पीएम आवास योजना के अन्तर्गत प्रगति अत्यंत कम पाये जाने एवं कर्तव्यों व दायित्यों के निष्पादन में शिथिलता बरतने पर आवास आयुक्त बलकार सिंह ने सम्पत्ति प्रबंधक ब्रिजेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

सीएम ग्रिड योजना में नाला निर्माण से सीवर मैनहोल क्षतिग्रस्त

सीएम ग्रिड योजना के तहत सिविल अस्पताल के पास बनाए जा रहे नाले के निर्माण कार्य से सीवर मैनहोल के चैंबर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इससे मैनहोल में मिट्टी और अन्य गंदगी ढेर हो रही है। इस वजह से सीवर लाइनें जाम हो रही हैं और ओवरफ्लो की समस्या सामने आ रही है। इस संबंध में सुएज के कम्युनिकेशन मैनेजर अक्षत सक्सेना ने बताया कि नाले निर्माण का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था को सुएज और जलकल विभाग से समन्वय स्थापित करना चाहिए था। यदि ऐसा किया गया होता तो सीवर मैनहोल को क्षति नहीं पहुंचती और न ही ओवरफ्लो जैसी स्थिति उत्पन्न होती। उन्होंने कहा कि इस तरह की तकनीकी लापरवाही से न केवल नागरिकों को असुविधा होती है, बल्कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था भी प्रभावित होती है।


चार दिन पहले बनी सड़क भुरभुरा कर उखड़ रही

महोना से अमानीगंज तक लगभग 8.2 किमी सडक बनाने की मांग ग्रामीण कई वर्षों से कर रहे थे। काफी प्रयासों के बाद बीते सोमवार से मरम्मत का काम शुरू हुआ। सड़क पर अभी महज दो किमी डामरीकरण ही हो पाया था। काम की गुणवत्ता सबके सामने है, यह हाथ लगाते ही उखड रही है। बुधवार को कई ग्रामीणों ने इस घटिया मरम्मत कार्य की फोटो वीडियो सोशल मीडिया पर डाल कर नाराजगी जताई। इसका जिम्मेदार कौन है, निलंबन हो जाएगा, फिर एक नए काम में खेल की शुरुआत होगी। खैर.....


अधूरा काम छोड़ ठेकेदार फरार, जनता परेशान

इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड के अंतर्गत लखनऊ नगर निगम द्वारा साईं धाम कॉलोनी( गणेशपुर) में ठेकेदार द्वारा सड़क तथा नाली निर्माण शुरू किया गया। यह कार्य लगभग डेढ़ महीना पहले शुरू किया गया था। निर्माण के लिए यहां के मकानों का रैंप तोड़ दिया गया। मगर नाली का निर्माण पूर्ण करके कार्य को अधूरा छोड़कर ठेकेदार फरार है। अब स्थानीय लोगों को घर के अंदर आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे और बड़े बुजुर्ग को घर से बाहर आने जाने में दिक्कत हो रही। लोगों की अपनी गाड़ियां भी घर के अंदर ना ले जाने के कारण असुरक्षित हैं। स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है लोगों का कहना है कि संबंधित लोगों से कई बार संपर्क किया गया लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है।



केसरी खेड़ा में साल भर से ओवरब्रिज निर्माण अधूरा

लखनऊ के कृष्णानगर स्थित यातायात पार्क के पास इंद्रलोक कॉलोनी से केसरी खेड़ा के बीच रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन आरओबी भूमि अधिग्रहण न होने से लटक हुआ है। इससे रेलवे क्रॉसिंग से सटी महाराजापुरम, पंडितखेड़ा, गंगाखेड़ा सहित आसपास की लगभग पांच लाख आबादी भीषण ट्रैफिक जाम से जूझ रही है। लखनऊ-कानपुर रेल सेक्शन पर कृष्णानगर-केसरीखेड़ा क्रॉसिंग पर स्थानीय लोगों ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से आरओबी बनाने के लिए मांग लगाई थी। आरओबी बनाने को मंजूरी मिल तो गई मगर अफसरों की कारगुज़ारी देख हर कोई दंग रह जाएगा। सेतु निगम के अफसरों ने रक्षा मंत्री से 17 जुलाई 2023 को केसरीखेड़ा ओवरब्रिज का शिलान्यास कराया और फरवरी 2024 से निर्माणकार्य शुरू किया गया। करीब 75 प्रतिशत काम पूरा भी हो गया, लेकिन निर्माणक्षेत्र की जद में आ रहे आठ लोगों के घर व दुकानें आ रही हैं। सवाल यह उठता है कि काम शुरू करने से पहले बल्कि मंजूरी से पहले ही भूमि अधिग्रहण किया जाना चाहिए था जो कि नहीं किया गया, अब प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी, समय बढ़ा। इसका खामियाजा किसके सिर फूटेगा। इससे आम पब्लिक का क्या, अफसर हैं न, उन्हें सब तरकीब पता है बच निकलेंगे, कारवाई हुई भी ज्यादा से ज्यादा क्या निलंबन, बाकी। भरपाई सरकार करेगी, लुटेगी जनता।



 

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