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क्रेडफोर्स एशिया लि. की जालसाजी का शिकार हुए निवेशकों ने सीएम योगी से लगाई ये गुहार

• 6 जिंदगियों के खत्म होने और 218 परिवारों के दर-दर भटकने की वजह बना क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड का फर्जीवाड़ा

• क्रेडफोर्स की अंतरराष्ट्रीय जालसाजी ने तोड़ दिए 218 परिवारों के सपने कर दिया उन्हें लाचार
• 6 निवेशकों ने गम्भीर बीमारियों से जूझते हुए तोड़ दिया दम, लेकिन नहीं मिली अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई की जमापूंजी
• ठगे गए निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लगाई मामले में हस्तक्षेप कर जालसाजों को कानून के कठघरे तक पहुंचाने की गुहार
• कंपनीं के संस्थापक निर्दोष निवेशकों की करोड़ों की रकम लेकर फरार
• 218 परिवार इस धोखाधड़ी से शॉक की स्थिति में, न्याय की उम्मीद में भटक रहे दर-दर 
लखनऊ। निवेशकों से जालसाजी के आरोपी क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के निदेशक संजीव शुक्ला को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बीते 27 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इस बीच क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड की अंतर्राष्ट्रीय जालसाजी का शिकार हुए 218 भारतीय निवेशकों ने संयुक्त रूप से पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई है। शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन निवेशकों ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। इन निवेशकों में से ज्यादातर उम्रदराज और रिटायर्ड लोग हैं जिन्होंने अपनी जीवन भर की मेहनत की कमाई क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड में निवेश की थी। इन निवेशकों को अच्छे रिटर्न्स की उम्मीद थी लेकिन बदले में उन्हें मिला धोखा। इस आघात के चलते 6 निवेशक अपनी जान भी गंवा चुके हैं। 
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित निवेशकों का पक्ष रखते हुए आदित्य बाजोरिया व तनवीर डगमैन ने बताया, "क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड कंपनी नई दिल्ली में पंजीकृत है और इसे पहले टीसीजी हैमिल्टन के नाम से जाना जाता था। सीएफओ और निदेशक राजीव गुप्ता और उनकी पत्नी गीतिका गुप्ता द्वारा प्रचारित किया जाता है। जिसमें अन्य निदेशक संजीव शुक्ला और संजीव ढींगरा शामिल हैं। यह एक शिक्षा और क्रेडेंशियल कंपनी है।"
निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि अब हम 218 परिवारों आपसे विनती कर रहे हैं कि आप अपने अधिकार का उपयोग कर स्टेट डिपार्टमेंट से टेक्सास में राजीव गुप्ता और गीतिका गुप्ता की गिरफ्तारी का आदेश जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए ताकि उनके राष्ट्रीयता बदलने से पहले उनके पासपोर्ट को रद्द और निरस्त किया जा सके। ह्यूस्टन में भारतीय उच्चायोग और अमेरिकी राजदूत को सभी आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य दिए जा चुके हैं और वे इस स्थिति से अवगत हैं। हम आपसे इस मामले में हस्तक्षेप की अपील करते है ताकि 218 मध्यवर्गीय भारतीय परिवारों को उनकी जमापूंजी वापस मिलने के साथ न्याय मिल सके।"
निवेशकों के अनुसार, दिसंबर 2019 तक, कंपनी ने निवेशकों को तरजीही शेयर जारी करके 70 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे और 31 मार्च, 2018 तक, लगभग 250 करोड़ रुपये रिजर्व में रखे थे। हालांकि, 2017-18 से कंपनी ने कथित तौर पर आयकर रिटर्न जैसे वैधानिक अनुपालन को पूरा नहीं किया और निवेशकों को भुगतान करने में हीलाहवाली शुरू कर दी गई। कंपनी ने कोविड के चलते परिचालन कठिनाइयों का हवाला दिया और जल्द से जल्द राशि का भुगतान करने का वादा किया। करीब 218 निवेशक प्रभावित हुए और 55 करोड़ रुपये का निवेशकों का मूलधन कंपनी के पास फंस गया। 
निवेशकों के मुताबिक लखनऊ के रहने वाले राजीव गुप्ता और गीतिका गुप्ता ने दिल्ली और गुड़गांव में आफिस के साथ क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड की स्थापना की। इन दोनों ने 218 निर्दोष निवेशक परिवारों को धोखा दिया, जिनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र हैं। इस बीच छह निवेशकों की मृत्यु भी हो गई क्योंकि जालसाजों ने उनकी गाढ़ी कमाई के लिए उनके बार-बार किए गए अनुरोधों की अनदेखी की और उन्हें समय रहज उनके इलाज के लिए जरूरी पैसे भी नहीं मिल सके। इन जालसाजी के चलते मौत के मुंह मे जाने वाले निवेशकों में कुछ कैंसर पीड़ित भी थे। शेष निवेशक अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी खोने के बाद सदमे की स्थिति में हैं। इनमें से भी कुछ निवेशकों का स्वास्थ्य गम्भीर अवस्था में हैं और कैंसर जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों से जूझ रहे हैं।

निवेशकों के अनुसार लखनऊ के मूल निवासी एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र राजीव गुप्ता और एक मल्टीनेशनल कंपनी में उच्च पद पर आसीन गीतिका गुप्ता द्वारा 12.25 प्रतिशत के निश्चित लाभांश के साथ प्रेफरेंशियल शेयरों के रूप में क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड में निवेश करने के लिए उन्हें धोखा दिया गया था। बाद में, दिसंबर 2019 से, उन्होंने कोविड का हवाला देते हुए मूलधन और लाभांश का भुगतान बंद कर दिया।

निवेशकों ने बताया कि गुप्ता परिवार ने निवेशकों को धोखा देते हुए और बिना उनकी सहमति के एक नई कंपनी, एडवांटिक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड बनाकर निवेशकों को धोखा देना जारी रखा और क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के शेयरधारकों को उनके कानूनी ऋणों का भुगतान किए बिना सभी संपत्तियों, कर्मियों, अनुबंधों और बौद्धिक संपदा को नई कंपनीं हस्तांतरित कर दिया।
क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के खाते में महज 4,000 रुपये होने के बाद भी, इन दोनों ने कुल 20 करोड़ रुपये की अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाने के लिए पांच महीने बाद की तारीख डालते हुए क्रेडफोर्स निवेशकों के पोस्ट डेटेड चेक भी भेज दिए। लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए और पूरे भारत की अदालतों ने उन्हें अरेस्ट कर अदालत में पेशी के लिए आवश्यक अरेस्ट वारंट जारी किए।
विस्तृत जांच जुलाई 2021 में शुरू हुई और फरार हुए एक निदेशक और चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर संजीव शुक्ला को इस वर्ष 27 सितम्बर को दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा गिरफ्तार किया गया। जिसे 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। तब से अब तक दिल्ली स्थित सीजेएम और सेशंस कोर्ट नौ बार संजीव शुक्ला की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।आदित्य बाजोरिया व तनवीर डगमैन ने बताया कि 25 नवम्बर को कोलकाता पुलिस आरोपी संजीव शुक्ला को रिमांड पर लेकर गई है।
निवेशकों का आरोप है कि इस बीच फंड की हेराफेरी करने के बाद राजीव और गीतिका गुप्ता विदेश भाग चुके हैं। निवेशकों द्वारा राजीव गुप्ता और उनकी पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है और उनका पासपोर्ट रद्द करने और अगस्त 2023 में होने वाले नवीनीकरण को अवरुद्ध करने की मांग की गई है। निवेशकों ने यह भी आरोप लगाया कि गुप्ता परिवार विदेश में है और 2019 में एक स्विमिंग पूल के साथ एक बहुत ही भव्य बंगला खरीदा है। गुप्ता परिवार अब कई मध्यम वर्गीय परिवारों की पीड़ा की कीमत पर एक बहुत ही भव्य जीवन व्यतीत के रहा है। 

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