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‘‘सच्चे योद्धा सच्चे क्षत्रिय अपमान नहीं सह सकते है........"

रामलीला की रिहर्सल तेज, कलाकारों में दिख रही है उत्सुकता


सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना में रामलीला का मंचन 4 अक्टूबर से



लखनऊ । मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम केवल हमारी आस्था के आधार ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता व समर्पण के प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। रामलीला के मंचन के माध्यम से श्रीराम के चरित्र को जीवन में उतारने व वर्तमान समय में उनके चरित्र को दिखाने की उत्सुकता कलाकारों में साफ नजर आ रही है। सेक्टर-'ए' सीतापुर रोड योजना में 4 अक्टूबर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय रामलीला के 27वें मंचन के लिये इन दिनों रिहर्सल चल रहा है। ''सच्चे योद्धा सच्चे क्षत्रिय अपमान नहीं सह सकते है, इनको सुनने का ताव नहीं, चुप कैसे रह सकते है...............'' जैसे संवाद सुनाई पड रहे है। रिहर्सल के दौरान पुराने कलाकारों के साथ ही नए कलाकारों के चेहरे पर अपने किरदारों का बखूबी मंचन करने की झलक साफ दिखाई दे रही है ।


स्थानीय कलाकारों को मिलता है मौका



इस रामलीला की खासियत यह है कि यहां बाहरी कलाकार नहीं बल्कि स्थानीय कलाकार किरदार निभाते है। यही नहीं बाल कलाकारों कों भी मौका मिलता है। जिससे बच्चे खुद मंचन करें और अपने पौराणिक पात्रों व उनके इतिहास के बारे में जानें। इससे बच्चों को शिक्षा भी मिलती है। श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्र तिवारी ने बताया कि इस बार बाल कलाकार पलक मिश्रा शिव तांडव प्रस्तुत करेगी।


वरिष्ठ कलाकार भी करते हैं मार्गदर्शन



श्रीरामलीला पार्क में स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में रात्रि के आठ बजते ही सभी कलाकार एकत्र होकर रामलीला की रिहर्सल में जुट जाते हैं। निर्देशक गंगा सिंह प्रतिदिन कलाकारों को मंचन के तौर तरीके और उनके द्वारा किये जाने वाले दृश्यों की बारीकियों को बखूबी समझा रहे हैं। तबला व हारमोनियम पर गीत किस प्रकार से गाना है, एक्टिंग किस प्रकार से करनी है, इसके बारे में कलाकारों को बताया जा रहा है। रामलीला में बहुत से कलाकार ऐसे हैं जिन्हें अपने डायलॉग पहले से ही याद हैं। फिर भी कलाकार चाहे वरिष्ठ हो या कनिष्ठ अपने तरीके से सभी रिहर्सल कर रहे हैं, जिससे वह बखूबी मंचन कर सके। इस दौरान अगर कनिष्ठ कलाकार से कोई गलती होती है तो वरिष्ठ कलाकार उनका मार्गदर्शन भी करते हैं।


बाल कलाकारों में उत्साह



रामलीला की विशेषता यह है कि श्रीराम वन गमन तक बाल कलाकारों को राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व सीता जैसे महत्वपूर्ण किरदार निभाने का मौका मिलता है। वहीं लड़कियां भी मंच पर माता सीता की सखियों का किरदार निभाती हैं। कई बाल कलाकार ऐसे भी है जिनमें कुछ की छमाही परीक्षायें चल रही और कुछ की जल्द ही शुरू होने वाली है। ऐसे में वह पढ़ाई के साथ ही रिहर्सल के लिये भी वक्त निकाल रहे है। बच्चों में इस कदर उत्साह है कि वह न सिर्फ प्रतिदिन रिहर्सल में आ रहे है बल्कि अपनी प्रतिभा भी दिखा रहे है। पलक मिश्रा, खुशी दुबे, आराध्या सिंह व नंदिता वर्मा सहित कई बाल कलाकार ऐसे है जिन्हें पहली बार मौका मिलेगा। वहीं लक्ष्य मिश्रा, सत्यम वर्मा, ईशा यादव व परी तिवारी सहित अन्य बाल कलाकारों में भी अपने किरदार के बखूबी मंचन को लेकर काफी उत्साह है। 



                     श्री रामलीला कार्यक्रम



4 अक्टूबर - भगवान श्री गणेशजी की वन्दना, श्रीराम जन्म, ताड़का वध, धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद


5 अक्टूबर - श्रीराम-लक्ष्मण जी की आरती, कैकेयी-मंथरा संवाद, कैकेयी-दशरथ संवाद, दशरथ मरण, केवट राम संवाद, भरत मिलाप


6 अक्टूबर - भगवान शंकर जी की आरती, पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध


7 अक्टूबर - माँ दुर्गा जी की आरती, सीता की खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, अंगद का लंका प्रस्थान, राजकुमार वध, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति


8 अक्टूबर - श्री हनुमान जी की आरती, कुम्भकरण, मेघनाद, अहिरावण व रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक एंव आरती और पारितोषिक वितरण


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