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लंबित मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों ने किया प्रदर्शन, दी बड़ी चेतावनी

लखनऊ। नियमित कर्मचारियों एवं संविदा कर्मियों की लंबे अर्से से लंबित मांगों को लेकर विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश एवं विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश ने गुरुवार को आरवाई शुक्ला की अध्यक्षता में धरना देकर जोरदार प्रदर्शन किया। लेसा भवन रेजीडेंसी पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आलोक सिन्हा ने कहाकि कार्यालय सहायक एवं tg2 को नियुक्ति ग्रेड पे रुपया 4200 दिए जाने और तृतीय टाइम स्केल का ग्रेड पे 6600 किये जाने की मांग संगठन कई वर्षों से करता चला आ रहा है। लेकिन प्रबंधन द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद भी वेतन विसंगति का मुद्दा हल नहीं किया गया। जबकि अन्य संवर्गो के समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रबंधन तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।

इसके अलावा पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने, संविदा कर्मियों को कार्य के वक्त मृत्यु होने की दशा में 5 लाख के स्थान पर 20 लाख मुआवजा दिए जाने और नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन दिए जाने, विभाग में रिक्त पदों पर संविदा कर्मियों को समायोजित किये जाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर प्रदेश व्यापी धरना देकर ज्ञापन दिया गया। सभा का संचालन करते हुए महामंत्री श्रीचन्द्र ने कहाकि कार्यकारी सहायक एवं tg2 की पोस्टिंग गृह जनपद से दूर दूसरे डिस्कामों में कर दी गई है जिससे कर्मचारी अपने घर से सैकड़ो किलोमीटर की दूरी पर तैनात है। कई कई महीनों तक अपने घर नही जा पाते हैं और अपने माता पिता एवं परिवार की देखरेख नहीं कर पा रहे हैं। इसलिये प्रबंधन से अपील है कि अन्तरनिगमीय आमेलन खोला जाये जिससे कार्यकारी सहायक एवं टीजी 2 अपने गृह जनपद के आसपास पहुंच सके।       

सभा को विद्युत मज़दूर संगठन के प्रदेश प्रभारी आरसी पाल के अतिरिक्त आरवाई शुक्ला, जलीलुरह्मान, एसके सिंह, अजय भट्टाचार्य, राजीव चंद्रा, जेपी त्रिपाठी, अभिषेक सिंह, मनीष श्रीवास्तव, केके सिंह, राजीव  अवस्थी, कन्हई राम, बसंत लाल, सचिन श्रीवास्तव, कमल किशोर, लक्ष्मण राम सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया। मीडिया प्रभारी विमल चंद पांडेय ने बताया कि नियमित कर्मचारियों एवं संविदा कर्मियों की मांगों का समाधान प्रबंधन द्वारा शीघ्र वार्ता कर नहीं किया गया तो 9 मार्च को प्रदेश के सभी डिस्कामों पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बावजूद भी यदि प्रबंधन समस्याओं का समाधान नहीं करता है तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी।

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