- उत्तर प्रदेश के 56 लाख छात्रों के हित में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय : डॉ दिनेश शर्मा
- कक्षा 12 की यूपी बोर्ड परीक्षा माह जुलाई के द्वितीय सप्ताह में प्रस्तावित
- कक्षा 12 के की बोर्ड परीक्षा में परीक्षा अवधि को डेढ़ घंटा रखा जाएगा- मात्र 3 प्रश्न का उत्तर देना पड़ेगा
लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021 में निर्धारित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से 29,94,312 बच्चे आच्छादित होंगे। मुख्यमंत्री के लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण से फैली हुई महामारी के कारण उत्पन्न हुई असाधारण परिस्थितियां में, व्यापक छात्र हित तथा जनहित में, कक्षा 10 के बच्चों का कक्षा 11 में प्रोन्नति के विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश मध्यमिक शिक्षा परिषद को बनाने के निर्देश दिए गए हैैं।
पूर्व के भांति इस वर्ष भी 15 कार्य दिवसों में परीक्षा संपादित की जाएगी। छात्रों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रश्नपत्र की अवधि को मात्र डेढ़ घंटे रखा जाएगा तथा छात्रों को प्रश्नपत्र में दिए गए 10 प्रश्नों में किन्ही 03 प्रश्नों का उत्तर देने की स्वतंत्रता होगी। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए इस वर्ष 26,10,316 छात्रों का पंजीकरण हुआ है।
समस्त बोर्ड के समस्त स्कूलों के कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 के छात्रों को प्रोन्नत करने का निर्णय
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 6, 7 ,8 के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय का शासनादेश पूर्व में जारी कर दिया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी बोर्ड विशेष का अन्यथा आदेश न हो तो प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों की कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों को अगली कक्षा में सामान्य प्रोन्नति दी जाए। कक्षा 9 एवं 11 के छात्रों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए। यदि किसी विद्यालय में वार्षिक परीक्षा अभी तक संपादित नहीं हो पाई है तो वह छात्र के वर्ष भर किए गए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति देंगे। यदि कोई आंतरिक मूल्यांकन उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्र को प्रोन्नति दी जाए। यदि बोर्ड विशेष का कोई इस संबंध में आदेश होगा तो वह लागू होगा अन्यथा कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 की उक्त वर्णित व्यवस्था, प्रदेश के समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों पर लागू होगी। आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक को इसके नियमित अनुश्रवण एवं अनुपालन का दायित्व सौंपा गया है। यदि किसी विद्यालय द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक द्वारा जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक समिति के समक्ष शिकायत की जा सकेगी।
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार , प्रदेशवासियों को एक आदर्श एवं उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था देने के लिए कटिबद्ध है एवं निरंतर प्रयासरत हैं।
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