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आरसीआईपीएमसी ने कृषकों को रसायन मुक्त खेती के लिए किया प्रेरित

आईपीएम प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी का हुआ आयोजन

सीतापुर। वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय, भारत सरकार के उप कार्यालय क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ द्वारा जिले के कसमण्डा विकास क्षेत्र के पतारा कला गाँव में भारत की आजादी के 75वें साल पर स्मरणोत्सव के उपलक्ष्य में आईपीएम प्रदर्शनी एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आरसीआईपीएमसी के प्रभारी डा. ज्ञान प्रकाश सिंह ने रासायनिक कीटनाशी के अंधाधुंध उपयोग की वजह से मानव शरीर पर होने वाले दुष्परिणाम को रोकने एवं फसल संरक्षण हेतु रासायनिक कीटनाशी के विकल्प के रूप में भारत सरकार द्वारा अपनाये गए आईपीएम विधि को किसानों को अपनाने हेतु प्रेरित किया। 

श्री सिंह ने बताया कि एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) अपनाने से रासायनिक कीटनाशी पर लगने वाला लागत कम होने के साथ - साथ बगैर कीटनाशी के कृषि उत्पाद पैदा होगा जिसके विपणन एवं निर्यात से अच्छा मूल्य मिलेगा जो कि किसानों की आय दोगुनी करने हेतु एक महत्वपूर्ण एवं प्रभावी  उपाय है। बिजेंद्र सिंह (सहायक निदेशक) ने आईपीएम विधियों का विस्तार से वर्णन किया। 

किसान गोष्ठी एवं प्रदर्शनी के समापन पर कार्यक्रम का संचालन कर रहे अमित कुमार सिंह (वनस्पति संरक्षण अधिकारी) ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर  के.पी. पाठक (वनस्पति संरक्षण अधिकारी), डॉ. राहुल सुतार, डॉ. सुधीन्द्र सौंसी एवं धर्मराज सिंह (सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी) ने प्रदर्शनी के माध्यम से किसानों को नवीन आई.पीएम तकनीकी से अवगत कराया।

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