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गाय का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है - डा. जीके सिंह

लखनऊ। उप्र की पंजीकृत गोशालाओं के प्रबन्धकों के उत्साहवर्धन और गोशाला की कठिनाइयों के निराकरण के लिए उप्र गोसेवा आयोग द्वारा प्रदेश व्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम की श्रृंखला आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में गुरुवार को उप्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह की अध्यक्षता में प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डा. जीके सिंह (उप कुलपति, उप्र पं दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहाकि गाय भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और इसका संरक्षण संवर्धन प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। आयोग के प्रदेश व्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से लोगों में गोवंश के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी और भारतीय संस्कृति का रक्षण हो सकेगा।

इस अवसर पर उप्र गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह ने मुख्य अतिथि को धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि प्रदेश में गो दुग्ध के और अधिक बिक्री केन्द्र बनाये जायें, गो दुग्ध एवं उससे निर्मित उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके। गोशालाओं में गोमय एवं गोमूत्र उत्पाद बनाने वाले उपकरण अधिक मात्रा में लगे जिससे गोशालाओं की आय में वृद्धि हो और अतिरिक्त रोजगार सृजन हो सके। क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की कमी को इंगित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि पशु चिकित्सकों की भर्ती मानदेय, संविदा के आधार पर की जाये।

प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में डा. पीके त्रिपाठी (पूर्व सचिव, उप्र गोसेवा आयोग) ने गोशाला प्रबन्धन विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें गोशाला का स्थान, आवास, पेयजल, आहार, सफाई, स्वास्थ्य एवं प्रजनन व्यवस्था के विषय में विस्तार से प्रशिक्षित किया गया। द्वितीय सत्र में डा. वीरेन्द्र सिंह (सचिव, उप्र गोसेवा आयोग) ने गोवंश की बीमारियों यथा गलाघोंटू, खुरपका मुंहपका, बीक्यू, ब्रूसोलोसिस, कृमिनाशक दवाओं और टीकाकरण आदि विषयों पर जानकारी दी। डा शिव ओम गंगवार (विशेष कार्याधिकारी, उप्र गोसेवा आयोग) ने गोशालाओं को आत्मनिर्भरता की आवश्यकता, आत्मनिर्भर बनने के उपाय बताते हुए गोशालाओं के हित में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न राजकीय योजनाओं से अवगत कराया। प्रत्येक प्रश्नोत्तर काल के अन्त में वक्ता द्वारा गोशाला प्रबन्धकों की जिज्ञासाओं का समुचित निराकरण करते हुए प्रश्नों का उत्तर दिया।

अन्त में अपने उद्बोधन में अध्यक्ष श्यामनंदन सिंह ने कहाकि आप इसे प्रशिक्षण का समापन न समझें बल्कि भविष्य में निरन्तर ऐसे ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे। इन प्रशिक्षणों से ज्ञान प्राप्त कर आयोग भी समृद्ध होगा और गोवंश के हित में योजनाएं बनाने में सफल होगा।

इस कार्यक्रम का कुशल संचालन डा. प्रतीक सिंह (विशेष कार्याधिकारी, उप्र गोसेवा आयोग) द्वारा किया गया। उन्होंने अवगत कराया कि उप्र गोसेवा आयोग के सदस्य कृष्ण कुमार सिंह ‘भोले सिंह‘ पूर्व निर्धारित यात्रा कार्यक्रम के कारण आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सके, उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। इस अवसर पर आयोग के अन्य अधिकारी डा. मुकेश सिंह, डा. नरजीत सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में गोप्रेमी देवेन्द्र अग्रवाल तथा आयोग के सलाहकार राधेश्याम दीक्षित भी उपस्थित रहे।

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