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लघु उद्योग भारती उप्र की बैठक शुरू, इन मुद्दों पर हो रही चर्चा

लखनऊ। लघु उद्योग भारती उत्तर प्रदेश की नवीन कार्यकारणी की प्रथम बैठक एवं प्रादेशिक उद्यमी सम्मेलन रविवार को होटल रणबीर्स, सहारा हास्पिटल रोड गोमतीनगर, लखनऊ में शुरू हो गई। सम्मेलन में संगठन के विस्तार, उद्योगों में आने वाली समस्याओं व उसके समाधान सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रदेश अध्यक्ष मधुसूदन दादू और प्रदेश महामंत्री रवींद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नवनीत सहगल (अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन) ने कार्यक्रम में भाग लेने हेतु सहमति प्रदान की हैं। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये उद्यमियों की समस्याओं पर विस्तृत विचार-विमर्श करते हुये निराकरण एवं समाधान हेतु सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। बैठक में बलदेव भाई प्रजापति (अखिल भारतीय अध्यक्ष), प्रकाश चन्द्र (अखिल भारतीय संगठन मंत्री), राकेश गर्ग (अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री/प्रभारी उप्र), ओम प्रकाश मित्तल (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रभारी उत्तरी क्षेत्र) एवं लाडली प्रसाद (सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारणी) सहित काफी संख्या में उद्यमी मौजूद हैं।

नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष मधुसूदन दादू ने बताया कि वह सभी जिलों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को साथ लेकर संगठन के विस्तार, उद्यमियों एवं सरकार के साथ सामंजस्य, प्रदेश में नये उद्योगों का विकास, रोजगार के नये अवसरों का सृजन आयात की जाने वाली वस्तुओं (Import Subtitution) का स्वदेशी उत्पादन, निर्यात हेतु अन्तराष्ट्रीय उच्च गुणवत्ता स्वदेशी उत्पादन आदि विषयों पर विचार-विमर्श करेगें। नवनिर्वाचित महामंत्री रवीन्द्र सिंह ने कहाकि उद्योगों में नये रोजगार सृजन की असीम संभावनायें हैं, उत्पाद विशेष के विकास एवं समस्याओं के विषय में संगठन द्वारा राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर उद्यमियों के उत्पाद समूह का गठन किया गया हैं। इसी क्रम में अलग-अलग उत्पाद समूह का गठन जिला स्तर तक किया जाना हैं। संगठन का विस्तार संभाग, जिला औद्योगिक इकाई एवं ग्राम सभाओं तक किये जाने पर विचार-विमर्श होगा। संभाग अध्यक्ष, अवध रीता मित्तल ने बताया कि ग्राम शिल्पी में करीब 1500 महिलाएं भी जुड़ चुकी है और जल्द ही काफी संख्या में महिलाएं जुड़ेंगी। उन्होंने बताया कि बहराइच में प्लान्ट लगाकर पराली से बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

लघु उद्योग भारती संगठन की स्थापना सूक्ष्म, लघु उद्योगों की सहायता व संरक्षण के उद्देश्य से 25 अप्रैल 1994 को की गयी थी। लघु उद्योग भारती एकमात्र अखिल भारतीय संगठन हैं देश के सभी प्रदेशो और 450 से अधिक जिलों में संगठन की इकाईयां कार्य कर रही हैं। 'उद्योगहित' 'राष्ट्रहित की मूल भावना के साथ संगठन निरन्तर कार्यरत हैं, उत्तर प्रदेश के 59 जिलों में हमारी सक्रिय इकाईयां कार्यरत हैं।

हमारा प्रयास हैं कि सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों के हित में सरकार नीति बनाये, जिससे सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों को स्थापित करने व उनके संचालन के पर्याप्त अवसर हो, उद्यमी अपने उद्यमिता गुण का भरपूर उपयोग करते हुये राष्ट्र की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान दे सकें। उद्योगों की समस्याओं के समाधान हेतु लघु उद्योग भारती एक सच्चे मित्र की भांति उद्यमी के सहायक की भूमिका का भी निर्वाहन कर रहा हैं।

प्रदेश के सभी जिलों में उद्योगों को प्रोत्साहन हो जिससे क्षेत्रीय विषमता की समस्या दूर की जा सके। परम्परागत शिल्प कलाओं की पहचान व उनका संरक्षण हमारी कार्य योजना का अंश हैं। संगठन द्वारा पूरे देश में ग्राम शिल्पी" एवं "उत्पाद समूह" प्रकल्प की स्थापना की गयी हैं जिसका उद्देश्य परम्परागत शिल्प कारीगरों को उद्योग की मुख्य धारा में लाना हैं। ग्राम स्थित शिल्पकार अपना कला कौशल विकसित करते हुये स्थानीय व अन्तराष्ट्रीय बाजार में स्थापित हो सकें। वर्तमान आधुनिक उद्योगों के चहुमुखी विकास के लिये कल बैठक में चर्चा की जानी हैं।

कोविड महामारी के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितयों में भी लघु उद्योग भारती उद्योगों के साथ निरन्तर जुड़ा रहा हैं। प्रवासी श्रमिकों एवं प्रदेश के श्रमिकों के रोजगार सृजन हेतु सजग रहकर उद्योगों के संचालन में भी संगठन सफल रहा हैं। संगठन के विस्तार एवं उद्योग विकास की महत्वपूर्ण भूमिका का दायित्व संगठन के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तर प्रदेश की नई कार्यकारणी को दिया गया हैं। मधुसूदन दादू (नोएडा) को प्रदेश अध्यक्ष व रवीन्द्र सिंह (लखनऊ) को प्रदेश महामंत्री नियुक्त किया गया हैं।

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