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यूपीएमआरसी का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र, लोग मेट्रो परियोजनाओं का ले रहे जायज़ा

लखनऊ। देश के स्वतंत्र होने के बाद से सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। मेट्रो ने शहरी परिवहन को सुरक्षित, सुविधाजनक, तेज एवं सुलभ बनाने में अहम भूमिका निभाई है। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित तीन दिवसीय न्यू अर्बन इंडिया कॉनक्लेव, 2021 के दूसरे दिन आज ‘भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर मेट्रो रेल की स्थिति‘ विषय पर आयोजित सेमिनार को दुर्गा शंकर मिश्र, शहरी एवं आवासन कार्य सचिव, भारत सरकार की उपस्थिति में देश भर के विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के प्रबंध निदेशकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने संबोधित किया। 

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने देश की स्वतंत्रता के सौ साल होने पर मेट्रो परिवहन के नेटवर्क विस्तार और शहरी परिवहन में उसकी भूमिका पर अपना विजन पेश किया। दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मेट्रो आज शहरी परिवहन की आवश्यकता है और आज से 25 साल बाद जब आजादी के 100 साल होंगे तक तब मेट्रो देश के कम से कम 100 शहरों में और 5 हजार किलोमीटर तक का विस्तार हासिल कर चुकी होगी। उन्होंने कहा कि मेट्रो का इतिहास देश में 25 साल पुराना ही है और आज लगभग 750 किमी से ज्यादा मेट्रो का विस्तार है और 2022 तक ये 900 किमी हो जाएगी। मेक इन इंडिया में भारत मजबूत हो रहा है और अब देश में बनी मेट्रो कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में निर्यात की जा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि जब हम आजादी के सौ साल मनाएं तो हम मेट्रो निर्माण से जुड़े हर पहलू में न सिर्फ आत्मनिर्भर हों बल्कि हम दूसरे देशों की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम हों।‘‘

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने प्रजेंटेशन के जरिए उत्तर प्रदेश में मेट्रो के तेज विस्तार की तस्वीर पेश की। उन्होंने बताया कि लखनऊ के 23 किलोमीटर में विस्तार के बाद नवंबर महीने में कानपुर में मेट्रो का ट्रायल रन प्रस्तावित है जबकि आगरा में तेज निर्माण चल रहा है। गोरखपुर में मेट्रोलाइट परियोजना पहले ही राज्य सरकार से स्वीकृत हो चुकी है और अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को प्रेषित है, वहां 28 किलोमीटर में मेट्रो रुट की योजना है।

श्री केशव ने कहा कि लखनऊ में ट्रैफिक दवाब के आधार पर छह अन्य मेट्रो रुट की टेक्नो फीजिबिलिटी स्टडी करवाई गई थी जिसके मुताबिक शहर में 114 किलोमीटर पर मेट्रो रुट की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि मेट्रो नीति 2017 के मुताबिक 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों में मेट्रो परियोजना लाई जा सकती है और प्रदेश के ऐसे 12 शहर हैं। मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी का डीपीआर मसौदा तैयार किया गया है जबकि झांसी अयोध्या और सहारनपुर जैसे शहरों के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। 

सेमिनार में मेट्रो में सार्वजनिक निजी भागीदारी, विभिन्न तकनीकी उन्नयन, मेट्रो के क्षेत्र में हो रहे नए इनोवेशन, कामन मोबिलिटी कार्ड, मेक इन इंडिया अभियान के जरिए निर्माण जैसे विषयों पर विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के प्रबंध निदेशकों ने अपनी बात रखी।

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