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अब यूपी में भी लागू हुईं पाबंदियां, देश में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया फैसला

लखनऊ। देश में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में एक बार फिर से बंदिशें लगना शुरू हो गई हैं। पाबंदियों को भूल चुके लोगों को क्रिसमस और नया साल मनाने के लिए दायरे में रहना होगा। मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शनिवार से नाइट कर्फ़्यू लगाने की घोषणा कर दी है। हालांकि यूपी में अभी एक भी आमिक्रान से संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है लेकिन दूसरे राज्यों में संक्रमण बढ़ने से केंद्र सरकार ने राज्यों को रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लगाने को कहा था। 

फोटो एएनआई 

शुक्रवार को योगी सरकार ने फ़ैसला लिया है कि 25 दिसंबर से रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगाया जाएगा। शनिवार 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रभावी किया जाए। हर दिन रात्रि 11 बजे से प्रातः 05 बजे तक रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू होगा। शादियों में 200 से ज्यादा लोगों को इजाजत नहीं होगी।  आयोजनकर्ता इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को देगा।


उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश दिए हैं। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में स्थिति नियंत्रित है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 91 हजार 428 सैम्पल की जांच में कुल 49 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई।

प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 266 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 657 मरीज कोरोना स्वस्थ हो चुके हैं। आज 37 जिलों में एक भी कोविड मरीज शेष नहीं है। देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ऐसे में कुछ कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। 



बाजारों में 'मास्क नहीं तो सामान नहीं' के संदेश के साथ व्यापारियों को जागरूक करें। बिना मास्क कोई भी दुकानदार ग्राहक को सामान न दे। सड़कों/बाजारों में हर किसी के लिए।मास्क अनिवार्य किया जाए। पुलिस बल लगातार गश्त करे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाए। 


देश के किसी भी राज्य से अथवा विदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले हर एक व्यक्ति की ट्रेसिंग-टेस्टिंग की जाए। बस, रेलवे और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। निगरानी समितियों ने कोरोना प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया है। तीसरी लहर के दृष्टिगत गांवों और शहरी वार्डों में निगरानी समितियों को पुनः एक्टिव करने के लिए कहा गया है। 



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