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जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आये दानदाता, सीटीसीएस संस्था को सौंपे गर्म कपड़े

लखनऊ। एक तरफ़ कड़ाके की ठंड और ठिठुरन तो दूसरी तरफ़ लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के केसेस। सर्द हवाओं व गलन के साथ कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।  इससे आम जनमानस तो प्रभावित हो ही रहा है काफ़ी संख्या में लोगअपनी जरूरतों के लिए भी जूझ रहे है। ठिठुरती ठंड में रजाई एवं कंबल सहित अन्य संसाधनों के सहारे घरों में लोग सो जाते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी कैसे गुजरती होगी जो एक साधारण चादर के सहारे ठंडी रात गुजारते हैं। 

जरुरतमंदों की मदद के लिए सरकार, शासन-प्रशासन के साथ ही सामाजिक संस्थाएं व सक्षम लोग भी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते है। ठिठुरती सर्दी के इस मौसम में लोगों की मदद और सहायता के लिए आगे बढ़कर टी.टी.बी.एस. (टेक्नोटास्क बिज़नेस सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड), गोमतीनगर, लखनऊ के स्टाफ़ कौशल दूबे, मोहम्मद आक़ीब कुरैशी, शुभांगी सिंह, चित्रांशी श्रीवास्तव, मंजूषा सिंह, प्रियंका कनौजिया और अतुल मंगल द्वारा गर्म ऊनी कपड़ों का संग्रह करके लगभग 300 कपड़े लखनऊ की सी.टी.सी.एस. संस्था को उपलब्ध कराए गए। साथ ही प्रयागराज से बी.एन. तिवारी जी के द्वारा 75 कपड़े एवं लखनऊ के संजय जैन के द्वारा भी 50 कपड़े उपलब्ध कराए गए हैं।

इन सभी कपड़ों का वितरण संस्था सी.टी सी.एस. द्वारा उन जरूरतमंद लोगों के बीच लगातार किया जाता रहता है, जिनको इनकी जरूरत होती है और जो स्वयं खरीदने में असमर्थ होते हैं। सीटीसीएस के संरक्षक आलोक अग्रवाल व मनोज कुमार ने बताया कि विगत कई वर्षों से ऐसे ही दानकर्ताओं के सहयोग से सी. टी.सी.एस. संस्था द्वारा यह कार्य किया जा रहा है और संस्था सभी दानकर्ताओं का हृदय से आभार व धन्यवाद करती है, जिनकी मदद से लोगों की सेवाएं उपलब्ध हो पाती हैं।जरुरतमंदों की मदद करना पुण्य का काम है। ऐसे में दानदाताओं सहित सीटीसीएस संस्था का प्रयास काफी सराहनीय है।

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