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"आजु मिथिला नगरिया निहाल सखियाँ..."

लखनऊ। श्रीराम लीला मैदान में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 की तृतीय संध्या में भोजपुरी अवधी लोकगीतों संग जादुई करतब ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। चैती महोत्सव की तृतीय सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ प्रसिध्द गायिका अनन्या सिंह ने भजन "पायो जी मैंने राम रतन धन पायो..." से कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इसी क्रम में अनन्या ने अपनी खनकती हुई आवाज़ में "दशरथ के भईलें लालनवा...", "बाजन लागे आनंद बधईया हो रामा अवध नगर में...", "शेरवा चढल देवी माई गरजत आवें...", "राम जी से पूछे जनकपुर के नारी..." और "अमवा महुआवा के झूमे डरिया...", "पटना से बैदा बुलाइद..." लोकगीत सुनाकर श्रोताओं का दिल जीता।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त दीपक त्रिपाठी मंगला चरण से मंगल भवन अमंगल हारी, "जगदंबा घरे दियरा बार आइनी हो...", "वन्दे मातरम...", "सब मिल बोलो देश के हर इंसान यही है भारत की पहचान...", "हरे रामा मंदिर आली सान रचित ललकारी रे हारी...", "आजु मिथिला नगरियाँ निहाल सखियाँ...", "झुलनी के रंग साँचा हमार पिया...", "सुतल सइया के जगावे हो रामा..." और "राम भक्त ले चला रे राम की कहानी..." सहित अन्य भजन और लोकगीतों को सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

वहीं जादूगर राकेश श्रीवास्तव ने हैरतअंगेज जादुई करतब दिखा कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। राकेश ने कागज जलाकर उसी से तिरंगा स्कार्फ बनाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उसके बाद अपनी आजादी को हम हरगिज़ भुला सकते नहीं गीत पर खाली डिब्बे से अमर शहीदों की रोचक झांकी प्रस्तुत की। इसके अलावा लड़की को तीन टुकड़े में काटना, 12 तलवारें शरीर के आरपार कर देना, नर कंकाल हवा में उड़ाना आदि को दिखाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

भक्ति संगीत से परिपूर्ण इस प्रस्तुति के उपरान्त अंनिका श्रीवास्तव ने अचुत्यम केशवम पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोहा। इसी क्रम में नैन्सी, प्रगति, स्वाति, अंशिखा, आस्था, आयसा, प्राची, जाह्नवी और पारुल ने संयुक्त रूप से नगाड़ा संग ढोल बाजे पर आकर्षक डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोहा। राज बोकारिया पोरबन्दर गुजरात के निर्देशन में कलाकारों ने ढाल तलवार रास की अनोखी प्रस्तुति दी। 

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