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कथक भरतनाट्यम व गुजराती नृत्य संग चैती महोत्सव का आगाज

लखनऊ। तुलसी शोध संस्थान श्री राम लीला समिति ऐशबाग के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत शनिवार को नौ दिवसीय भारतीय नववर्ष मेला व चैती महोत्सव 2022 का आगाज हुआ। श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष हरीश चन्द्र अग्रवाल, सचिव पंडित आदित्य द्विवेदी और मयंक रंजन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। हरीश चन्द्र अग्रवाल ने कहाकि यह महोत्सव भारतीय प्राचीन संस्कृति एवं संस्कारों का संगम है। आदित्य द्विवेदी ने कहाकि यह महोत्सव भारतीय समाज को हमारे गौरवशाली अतीत से जोड़ने वाला एक पर्व है।चैती महोत्सव का शुभारम्भ कलाश्री की उपाधि से विभूषित विनय तिवारी और वेदांत मिश्रा ने भरतनाट्यम नृत्य शैली में नमस्ते अस्तु भगवान पर भावपूर्ण नृत्य से कर दर्शको को भगवान विष्णु की भक्ति के सागर में आकन्ठ डुबोया। विनय और वेदांत ने अलारिपू और आई गिरि नन्दिनी पर भक्ति की सुखद अनुभूति कराई।

मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त मलखान सिंह और आशी शुक्ला ने संयुक्त रूप से अपने कार्यकम का आरम्भ पंडित बिरजू महाराज कृत तराने से कर ठुमक चलत रामचन्द्र पर भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप के दर्शन कराए। मुंबई के भोजपुरी गायक मोहन राठौड ने नवमी के दिनवा हो रामा भोजपुरी गीत से अपने कार्यकम की शुरुआत कर निमिया के दाढ़ मईया मोरी लावेली झुलूहवा, पिया निर्मोहिया ए रामा, आटा साने गईलू ता गिल कई दिहालु और ए रामा असरा में भींगे राखी के कजरवा जैसे अन्य भोजपुरी भक्ति गीतों को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
शीलू श्रीवास्तव ने अपनी खनकती हुई आवाज में अवधी देवी गीत देवी मोरे आँगन में आई से अपनी प्रस्तुति का आरम्भ कर चैती गीत चैत मास बोले रे कोयलिया, नइहर से केहु नही अइले हो रामा, दादरा हमरी अटरिया पे जैसे अन्य अवधी लोकगीतों को सुनाकर श्रोताओं की तालियां बटोरीं।

आकांक्षा श्रीवास्तव, दिव्या शुक्ला सहित अन्य कलाकारों ने पद्मश्री लता मंगेशकर के गाए देशभक्ति गीतो पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर देश के वीर सपूतों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। देश भक्ति गीतो से लबरेज इस पेशकश के बाद संस्कृति कारवां के राज बोखिरिया व साथी कलाकारो ने गुजराती नृत्य गरबा और डांडिया, राजस्थानी नृत्य केशरिया बालम की उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर दर्शको का दिल जीता।

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