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364वाँ युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना

सदज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है - उमानंद शर्मा

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत बाबू सुन्दर सिंह कॉलेज ऑफ फार्मेसी रायबरेली रोड, निगोहां के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 364वाँ वाङ्मय स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यह साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्टीय सदस्य हंस जी ने अपने सम्मानित पूर्वजों की स्मृति में भेंट किया। एसडी मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को ‘‘सफल जीवन की दिशा धारा’’ नामक पाकेट बुक भेंट किया।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहाकि सद्ज्ञान व्यक्ति को नर से नारायण बना सकता है। संस्था के चेयरमैन इं. आनन्द शेखर सिंह के अलावा एसडी मिश्रा ने भी अपने विचार रखें। संस्थान के निदेशक डॉ. आलोक कुमार शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार के उमानन्द शर्मा, संस्था के चेयरमैन इं. आनन्द शेखर सिंह, ऊषा सिंह, एसडी मिश्रा, हंस जी, संस्थान के फार्मेसी के निदेशक डॉ. आलोक कुमार शुक्ला सहित छात्र-छात्रायें शिक्षक-शिक्षिकायें आदि मौजूद थे।

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