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पूजन व मंत्रोच्चार के बीच गोमती तट पर बिराजे मनौतियों के राजा

लखनऊ। श्री गणेश प्राकट्य कमेटी की ओर से 18वां श्री गणेश महोत्सव बुधवार को गोमती तट स्थित झूलेलाल वाटिका में शुरु हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 9ः30 बजे विधिविधान से गणपति की मूर्ति स्थापना, श्रृंगार एवं पूजन के साथ हुई। बनारस के आचार्य कमलेश पण्डित राजधानी के हरिनारायण व अन्य आचार्याे ने मंत्रों के साथ मूर्ति स्थापना कराई। यजमान के रुप में अनिल अग्रवाल ने परिवार के साथ पूजन में हिस्सा लिया। मूर्ति स्थापना के समय पण्डाल गणपति बप्पा मोरिया के जयघोष से गूंज उठा।

शाम को कोलकाता के संजय शर्मा और लखनऊ की सुमिता श्रीवास्तव के निर्देशन में हुये सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सुमिता श्रीवास्तव ने गणपति राखो मेरी लाज.. भजन से की। उसके बाद गौरी नन्दन तेरा वंदन.., सुनाया तो पण्डाल में बप्पा के जयकारे गूंज उठे। इसी क्रम में सुमिता ने घर में पधारों गजानन.. और मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे.., सुनाया तो कमेटी के अनिल अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, शरद अग्रवाल, अखिलेश बंसल, रंजीत सिंह, संजय गांधी, घनश्याम अग्रवाल समेत अन्य भक्त झूमने लगे। उसके बाद नृत्य नाटिका गणेश उत्पत्ती का मंचन किया गया। 
उत्सव के मुख्य आकर्षण
1 सितम्बर- गजरा, रात्रि 8ः00 बजे,
2 सितम्बर- पाशांकुश पूजन मध्यान्ह 12 बजे
3 सितम्बर- दूर्वाभिषेक, मध्यान्ह 12 बजे,
5 सितम्बर- छप्पन भोग, रात्रि 8 बजे
7 सितम्बर- सिन्दूराभिषेक मध्यान्ह 12 बजे,
8 सितम्बर- महाभिषेक मध्यान्ह 12 बजे तथा महामोदक रात्रि 8ः00 बजे।
संरक्षक भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि गुरुवार 1 सितम्बर को बप्पा के दरबार में रात 8 बजे गजरा का कार्यक्रम होगा। महोत्सव में चाट, फास्ट-फ्रूड एवं आइस्क्रीम की दुकाने व उनके पसन्द की सामग्री भी मिलेगी। पण्डाल के बाहर महोत्सव का रुप दिया गया है। महिला एवं बच्चों के लिए विशेष प्रकार के झूले लगाए गये हैं।
उन्होंने बताया कि श्रृंगार एवं आरती प्रतिदिन प्रातः 10 बजे एवं सायं 6 बजे होगी। इसमें सभी श्रद्धालु भाग ले सकते हैं। इसके अलावा प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से प्रातः 9ः30 बजे तक उसके बाद प्रातः 10 बजे से अपरान्ह 5 बजे तक एवं सायं 6 बजे से रात्रि 11 बजे तक मनौतियों के राजा के दर्शन होंगे। विगत वर्षाे की भांति इस बार भी मनोतियों के राजा श्री गजानन के नाम चिट्ठी प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सायं 6 बजे तक श्रद्धालु लिख सकते हैं।

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