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माटी कलाकारों द्वारा तैयार मिट्टी के डिजाइनर दीपों की बढ़ी डिमांड

चाइना को टक्कर दे रहे ताजनगरी के माटी कलाकार

योगी सरकार से मिले सांचे से तैयार कर रहे मिट्टी के डिजाइनर दिए और मूर्ति

 इलेक्ट्रिक चाक से दोगुना हुआ उत्पादन, कुम्हारों के खिले चेहरे

आगरा। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक और सांचा बांटे थे। उद्देश्य था कि कुम्हार और कलाकार दीपावली पर प्रतिमाएं और दीपक बनाकर अच्छी आमदनी कर पाएं। सरकार का यह प्रयास अब कारगर साबित हो रहा है। दीपावली के दौरान मार्केट में मिट्टी के दीपकों और मूर्तियों की अधिक मांग होती है। ऐसे में कुम्हारों के चाक तेजी से घूमने लगे हैं। बड़ी संख्या में प्रजापति समाज के परिवार मिट्टी के दीये बनाने में जुटे हुए हैं। पूरा परिवार मिट्टी के डिजाइनर दीपक बनाने में लगे हुए हैं। बदलते हुए ट्रेंड के साथ-साथ लोग डिजाइनर दिए भी खूब पसंद करने लगे हैं।

मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग

रंग-बिरंगी झालरों व मोमबत्तियों के बीच मिट्टी के दीपक आज भी लोगों के बीच अपनी उपयोगिता बनाए हुए हैं। मिट्टी के दीपों की मांग बढ़ती देख कुम्हारों के हाथ तेजी से दीपक बनाने के लिए चलने लगे हैं। इसके अलावा मिट्टी के लक्ष्मी- गणेश की मूर्तियों की भी बिक्री बढ़-चढ़कर हो रही है। मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ने से कुम्हारों के चेहरे खिल गए हैं। विगत वर्षों की तुलना में इस बार दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीयों की मांग अधिक है। दीपों की बढ़ती मांग को देखते हुए कुम्हारों के हाथ तेजी से चलने लगे हैं। कुम्हार अपने परिवार के साथ दीपों के साथ मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने में जुटे हुए हैं।

काम में जुटा पूरा परिवार

पंचकुईयां निवासी राम खिलाड़ी ने बताया कि विगत वर्षों की तुलना में इस बार मिट्टी के दीपों की मांग अधिक है। इसे देखते हुए उनका पूरा परिवार दीपक बनाने में जुटा हुआ है। इस बार मिट्टी के दीपों की अच्छी बिक्री हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही इलेक्ट्रिक चाक योजना सराहनीय है। पहले हम लोग चाक को हाथ से घुमाकर मिट्टी के बर्तन बनाते थे, जिसमें समय और मेहनत अधिक और उत्पादन कम था। लेकिन इलेक्ट्रिक चाक मिल जाने से प्रोडक्शन दोगुना हो गया है। अब मिट्टी के बर्तनों की मांग भी बढ़ी है। अब लोग चाय और लस्सी कुल्लड़ में पीना पसंद कर रहे हैं। इससे हमारी आमदनी भी बढ़ रही है।

प्रोत्साहन से बढ़ा उत्साह

पुल छिंगा मोदी के मूर्तिकार उमेश वर्मा ने कहा कि इस बार पिछले वर्षों की तुलना में मिट्टी के दीपों और मिट्टी की मूर्तियों की अधिक बिक्री हो रही है। इस बार बाजार में डिजाइनर दिए की डिमांड ज्यादा है। इन दीपों की कीमत भी अच्छी मिल रही है। सरकार द्वारा मिल रहे प्रोत्साहन से माटी कलाकार उत्साहित हैं। अब उनको अपने काम की पूरी कीमत मिल रही है। बाजार में विभिन्न डिजाइन के डिजाइनर दिए 2 रुपये से 150 रुपये की कीमत के मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि चाइना की सस्ती मूर्तियों से लोगों का मोह भंग हो गया है। अब बाजारों में इस बार मिट्टी के दिए और मिट्टी की मूर्तियों की डिमांड बढ़ी है।

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