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UBI और TPSSL के बीच हुई साझेदारी

एजेंसी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड की शत-प्रतिशत सहायक कंपनी टाटा सोलर सिस्टम लिमिटेड के साथ साझेदारी की, ताकि एमएसएमई क्षेत्र को सौर ऊर्जा समाधानों में परिवर्तित करने में सहायता मिल सके. इस सहयोग का उद्देश्य हरित ऊर्जा की पहुँच को बढ़ाना है और बिजली की लागत को बचाना है जिससे एमएसएमई को अधिक लाभदायक बनाया जा सके.  

एमएसएमई को बिजली लागत और ग्रिड के अभाव से राहत देने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर इस साझेदारी को यूबीआई की सौर योजना के तहत ‘यूनियन सोलर’ के रूप में आरंभ किया गया. एमएसएमई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सावधि ऋण सुविधा के माध्यम से वित्तपोषित होकर टीपीएसएसएल द्वारा सोलर ईपीसी की दोहरी सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उद्योग नि:शुल्क या न्यूनतम समपार्श्विक के साथ सर्वोत्तम संभव ब्याज दरों (टाटा पावर के ग्राहकों के लिए विशेष) पर 8 करोड़ की ऋण राशि का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस योजना में परियोजना लागत के केवल 15-20% के न्यूनतम डाउन पेमेंट की भी आवश्यकता होती है, जिससे एमएसएमई आकर्षण का केंद्र बन जाता है.  


सौर समाधान एमएसएमई क्षेत्र में उनकी ग्रिड पर निर्भरता को कम करके और उनकी उत्पादकता और उत्पादन पर अधिक नियंत्रण के साथ उन्हें स्वतंत्र बिजली उत्पादक बनाकर बदलाव लाने में मदद करेंगे. इस कदम से विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद है जैसे एमएसएमई के लिए कारोबार करने में आसानी, एक स्थानीय उद्योग और उद्यमी बनाना जो देश की बड़ी अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देंगे. इस तरह के सहयोग, जो देश को हरित कार्यप्रणाली की ओर अग्रसर करने हेतु उद्योगों को हरित ऊर्जा में संक्रमण के लिए प्रोत्साहित करते हैं, स्थानीय/ ग्रामीण लघु उद्योगों के लिए दीर्घकालिक ऊर्जा को प्राप्य बनाकर आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार कर रहे हैं.  

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक सीएम मिनोचा ने बताया, “सौर समाधान के माध्यम से विश्वसनीय, सस्ती और लंबे समय में लाभप्रद हरित ऊर्जा के माध्यम से हम छोटे कारोबारों की पहुँच बढ़ाने में मदद करने के अपने प्रयासों में टाटा पावर के साथ जुड़कर हर्ष अनुभव कर रहे हैं. हमारी यूनियन सौर योजना विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन की गई है.  वित्त को संबोधित करके चुनौती का सामना करते हुए, हम एमएसएमई क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग में एक प्रभावशाली वृद्धि देखने की उम्मीद करते हैं जो उन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा.  

शिवराम बिक्कीना (रुफटॉप प्रमुख, टीपीआरईएल) ने बताया, "पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय एमएसएमई उद्योग हरित ऊर्जा समाधानों की ओर एक व्यवहारिक बदलाव का अनुभव कर रहा है. नवीकरणीय क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते, टीपीआरईएल इसका हिस्सा बनकर और इसका नेतृत्व कर हर्ष अनुभव कर रहा है. हम टीपीआरईएल को सोलर रुफटॉप उद्योग के लिए समग्र सेवा समाधान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां ग्राहक अपने सभी प्रश्नों को हल कर सकते हैं, जिसमें वित्तपोषण संबंधी चिंताएं भी शामिल हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाकर, हम इस सहयोग को एक बेंचमार्क बनाने के लिए तथा उद्योग को हरित ऊर्जा का अनुकरण करने और उसे अधिक ऊंचाई तक ले जाने के लिए तत्पर हैं."

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