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अग्नि, सूर्य एवं चंद्रमा के समान है रामनाम - आचार्य गोविंद मिश्रा

लखनऊ। एक ओर जहां कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने राम नाम की महिमा का गुणगान किया वहीं दूसरी ओर वृंदावन से आये कलाकारों ने रासलीला की मनमोहक प्रस्तुति से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मौका था विश्वनाथ मन्दिर के 31वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-’ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी में आयोजित मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कथा व रासलीला के मंचन का। श्रीरामकथा के पहले दिन बुधवार को कथाव्यास आचार्य गोविंद मिश्रा ने राम नाम की महिमा एवं मानस सरोबर का सुन्दर वर्णन किया। उन्होंने कहाकि भगवान के प्रति विश्वास एवं श्रद्धा ही भक्त को भगवान की प्राप्ति कराती है। संसार के कल्याण के लिए रामनाम अग्नि, सूर्य एवं चंद्रमा के समान है। 

उन्होंने बताया कि जो फल तपस्या, योग एवं समाधि से भी नहीं प्राप्त होता है वह फल केवल रामनाम से प्राप्त हो जाता है। समाज के कल्याण के लिए गोस्वामी तुलसीदास ने भी रामनाम को ही साधन बताया है। ‘‘बंदऊ गुरूपद पदुम परागा, सुरूचि सुबास सरस अनुरागा।।’’ गुरू की महिमा का वर्णन करते हुये कथाव्यास ने बताया कि बिना गुरू का सत्संग किये भक्त न तो भौतिक सुख प्राप्त कर सकता है और न ही भगवान की भक्ति प्राप्त कर सकता है। इसलिये गुरू की सेवा व भक्ति करना परम् आवश्यक है। वर्तमान में फैले हुये सामाजिक दोष का कारण भी गुरू-शिष्य परम्परा का न होना ही बताया गया है। उन्होनें कहाकि भगवान श्रीराम की कथा व भक्ति किसी जाति-धर्म पर प्रतिबन्ध नहीं करती है। 

वहीं शाम को आयोजित रासलीला में कलाकारों ने देवकी वासुदेव विवाह सहित कई दृश्यों का बखूबी मंचन किया। इस मौके पर कमलेश दूबे, नीलम पाण्डेय, रानी पाण्डेय, सावित्री सिंह, उषा मिश्रा, मिथिलेश शुक्ला, शिवानी गुप्ता कौशल किशोर पाण्डेय, वरुण श्याम पाण्डेय, दीपक पाण्डेय, शाश्वत पाठक, योगेश शास्त्री, शम्भू शरण वर्मा सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।

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