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जीव परमात्मा का अंश है - स्वामी राघवाचार्य

रुक्मणी विवाह में भक्तों ने पखारे पैर, सुदामा चरित्र सुन हुए भावुक

लखनऊ। श्रीमद् भागवत कथा में छठवें दिन गुरुवार को कंस वध, कृष्ण का मथुरा गवन, गोपी संवाद, सुदामा चरित्र, रूक्मणी विवाह आदि की कथाओं का वर्णन निरालानगर स्थित माधव सभागार में मानसरोवर परिवार द्वारा आयोजित चल रही श्रीमद् भागवत कथा शुरुआत हनुमान चालीसा के पाठ उपरांत व्यास पीठ पर विजमान जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य महाराज जी आरती मुख्य यजमान महेश गुप्ता, लक्ष्मी गुप्ता की। कथा के पूर्व संध्या पर सुमिरन तथा महाराज जी का व्यासपीठ से आशीर्वाद लेने पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, लखनऊ इस्कॉन अध्यक्ष अपरिमेय दास, संघ पर्यावरण प्रमुख ललित श्रीवास्तव पहुंचे।
स्वामी राघवाचार्य जी ने सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन किया और बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहाकि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।
स्वामी महाराज कहाकि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। उन्होंने महारास लीला, श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत रुप से कथा सुनाई। प्रवक्ता अनुराग साहू ने बताया कि सातवें दिवस शुक्रवार को कथाव्यास नव चोगेश्वर संवाद, अवधूत उपाख्यान, श्रीमद्भागवत अनुक्रमणिका का वर्णन अपराहन 3 बजे से सांय 7 बजे तक करेंगे।

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