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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया आंदोलन का ऐलान, दी ये चेतावनी

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदा/संविदा कर्मचारी आगामी 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। संघर्ष समिति की लखनऊ में हुई बैठक में समझौते का क्रियान्वयन न होने तथा उत्पादन निगम और पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण का निर्णय लिये जाने के विरोध में हड़ताल का निर्णय लिया गया। 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे। 20 फरवरी से प्रारम्भ हो रहे जन-जागरण अभियान के अन्तर्गत संघर्ष समिति की ओर से सभी परियोजना एवं डिस्कॉम मुख्यालयों पर रैली के कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। इस दौरान ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये जायेंगे। 

संघर्ष समिति की मुख्य मांग यह है कि 03 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये, ओबरा व अनपरा में स्थापित की जा रही नई बिजली परियोजनायें उत्पादन निगम को दी जायें, पारेषण के नये बनने वाले सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य यूपी पावर ट्रांस्को को दिया जाये, वर्ष 2000 के बाद में सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाये और बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये।

संघर्ष समिति की बैठक में राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पाण्डेय, मनीष कुमार मिश्र, महेन्द्र राय, सुहेल आबिद, पीके दीक्षित, शशिकान्त श्रीवास्तव, पीएन तिवारी, मो. वसीम, छोटेलाल दीक्षित, सरजू त्रिवेदी, आरवाई शुक्ला, देवेन्द्र पाण्डेय, योगेन्द्र कुमार, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भूरत्न दीक्षित, पीएस बाजपई, जीपी सिंह, रफीक अहमद, आरके सिंह उपस्थित थे।

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