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महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है गलत सूचनाओं का प्रवाह - प्रो. संजय द्विवेदी

आईआईएमसी-एनसीईआरटी का प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ

कार्यक्रम का उद्देश्य ‘क्रिटिकल थिंकिंग’ को बढ़ावा देना

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC), केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के संयुक्त तत्वाधान में 'मीडिया साक्षरता' पर पांच दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ किया गया। आईआईएमसी-एनसीईआरटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ‘क्रिटिकल थिंकिंग’ को प्रोत्साहित करना है। 24 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र के दौरान आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने आज की डिजिटल दुनिया में मीडिया साक्षरता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के उदय के साथ, गलत सूचनाओं का प्रवाह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। श्री द्विवेदी ने विश्वास व्यक्त किया कि मीडिया साक्षरता लोगों को तथ्यों और कल्पना के बीच अंतर करने में सक्षम बनाएगी।
आईआईएमसी की प्रो. अनुभूति यादव ने मीडिया साक्षरता की आवश्यकता और दायरे के बारे में बताते हुए कहाकि जो लोग मीडिया और सूचना साक्षर हैं, ज्यादातर वे महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानता को बढ़ावा देने वाली गलत सूचनाओं, पूर्वाग्रहों व रूढ़िवादिता को स्वीरकार नहीं करते। एनसीईआरटी के डॉ. अमित रंजन ने शिक्षा के सभी स्तरों पर मीडिया विमर्श की आवश्यकता पर चर्चा की।
आगामी सत्रों में इग्नू से प्रो. केएस अरुल, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से डॉ. कुलवीन त्रेहान, गांधी स्मृति व दर्शन समिति से डॉ. वेदाभ्यास कुंडू शामिल होंगे। जो प्रतिभागियों के साथ शिक्षण और सीखने, विज्ञापन साक्षरता, मीडिया साक्षरता व अहिंसक संचार जैसे विषयों पर प्रकाश डालेंगें। प्रशिक्षण कार्यक्रम को एनसीईआरटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीमिंग और पीएम ई-विद्या डीटीएच टीवी चैनल नंबर 6-12 के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को अपने मीडिया साक्षरता कौशल में सुधार करने, मीडिया संदेशों और उनके प्रभाव की बेहतर समझ हासिल करने और अपने संदेश को तैयार करने के लिए मीडिया का उपयोग करने का तरीका सीखने के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।

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