Pages

राजधानी के इस वार्ड में राजनीतिक दलों का विरोध, कहा वोट मांगकर न करें शर्मिंदा

 पार्टी उम्मीदवारों पर भारी पड़ रही निर्दल

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा)। पार्टी से तो प्यार है, पर बाहरी अस्वीकार है। वार्ड में मच गई हलचल है, अब आपकी नेता निर्दल है। कुछ ऐसे ही स्लोगनों के साथ बागी उम्मीदवार चुनावी मैदान में प्रचार करने में जुटे हैं। वार्डों के गली-मोहल्लों में चुनावी रंग के साथ जंग दिखना शुरू हो गयी है। असल में राजनीतिक पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को पार्टी के बागियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पार्टियों से टिकट न मिलने के बाद कई वार्डों में ऐसे उम्मीदवारों ने निर्दल के रूप में ताल ठोंक दी है। प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी से ऐसे ही एक दावेदार ने टिकट न मिलने पर अपनी बेटी को चुनाव मैदान में निर्दलीय ही उतार दिया है। जोन तीन के इस वार्ड में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में पूरी आवासीय कालोनी उतर आयी है।
 "लखनऊ नगर निगम यहां कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता है। राजनीतिक दल कृपया वोट मांगकर शर्मिंदा न करें।"
जानकीपुरम वार्ड द्वितीय में भाजपा से राजकुमारी मौर्या चुनाव लड़ रही हैं तो सपा से नीलम यादव मैदान में हैं। इसी वार्ड से युवा महिला वर्तिका गुप्ता भी दो प्रमुख पार्टियों के सामने मजबूती से खड़ी हैं। महज तीन प्रत्याशियों के बीच जीत-हार होनी है। राजकुमारी के पीछे भाजपा तो नीलम के पीछे सपा का चुनाव चिन्ह है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी वर्तिका के पीछे वार्ड की प्रमुख आवासीय कालोनी सहारा स्टेट के निवासी खड़े हो गए हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कि सहारा स्टेट में करीब 5500 मतदाता हैं। किसी भी उम्मीदवार के जीत-हार के लिए यह संख्या मायने रखती है। इससे वर्तिका गुप्ता की लड़ाई अन्य दो प्रत्याशियों से मजबूत मानी जा रही है। यहां एक और बात भी मायने रखती है और वह यह कि वर्तिका के पिता प्रदीप गुप्ता दीपू भाजपा से सीतापुर जिले के पदाधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी बेटी के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन राजकुमारी को टिकट मिलने पर उन्हें सहारा स्टेट के लोगों का साथ मिला तो वर्तिका ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया। 

अब सहारा स्टेट के लोगों ने गेट पर बैनर लगा दिया है, इस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है कि "लखनऊ नगर निगम यहां कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता है। राजनीतिक दल कृपया वोट मांगकर शर्मिंदा न करें।" यहां के लोगों का कहना है कि कई बार पार्टी प्रत्याशियों को जिताया गया लेकिन किसी ने यहां की समस्या का निराकरण नहीं कराया। सहारा स्टेट में जलभराव सबसे बड़ी समस्या है। हर साल बरसात में यहां पानी भरने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। प्रशासन, नगर निगम व विधायक तक को इस समस्या की जानकारी है। हालांकि इसके निराकरण को लेकर योजना भी बनी मगर उस पर अब तक काम शुरू नहीं हो सका। इसी तरह सहारा स्टेट में तालाब के सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना नगर निगम ने बनायी जो कि अलमारी में बंद पड़ी है। इन समस्याओं के निराकरण को लेकर यहां के लोगों ने वर्तिका से आस लगाई है तो दूसरे दलों के पदाधिकारी सहारा एस्टेट के लोगों को मनाने में लग गए हैं। वर्ष 2006 में अस्तित्व में आये जानकीपुरम वार्ड द्वितीय में भाजपा का कब्जा है। वर्ष 2006 में भाजपा की कमलावती सिंह, वर्ष 2012 में भाजपा के कैलाश यादव और वर्ष 2017 में भाजपा की खुशबुराखी मिश्रा इस वार्ड से पार्षद चुनी गईं थी। इस बार लखनऊ नगर निगम के 110 वार्डों में सबसे कम 3 प्रत्याशी जानकीपुरम वार्ड द्वितीय में है और यहां त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। ऐसे में इस बार भी इस सीट पर भाजपा का दबदबा कायम रहेगा या भाजपा का किला ध्वस्त होगा इसका फैसला 4 मई को वार्ड के मतदाता करेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ