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बाल निकुंज : छात्राओं ने पुलिसकर्मियों को बांधी राखी, लिया सुरक्षा का वादा

 

लखनऊ। आपसी भाईचारे का त्योहार होली, दीपावली, ईद हो या भाई बहन के पवित्र रिश्ते का पावन पर्व रक्षाबंधन। हम सब अपने घरों में परिवार के साथ विभिन्न त्यौहार को धूमधाम से मनाकर खुश होते हैं। जबकि उसी समय हमारे सैनिक व पुलिस के जवान अपने परिवार से दूर देश व हम सबकी सुरक्षा में मुस्तैद रहते हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि जिनके कंधों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी है रक्षाबंधन में उनकी कलाइयां सूनी न रहने पायें। इन्ही उद्देश्यों के साथ बुधवार को अलीगंज, मड़ियांव, सैरपुर, बक्शी का तालाब, जानकीपुरम थाने व 1090 कार्यालय पहुँची बाल निकुंज स्कूल्स एंड कॉलेजेज की छात्राओं ने पुलिसकर्मियों को टीका लगाकर उनकी कलाई पर राखी बांधी और आरती उतारकर मिष्ठान खिलाया व अपनी सुरक्षा का वादा लिया। 










बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल पलटन छावनी शाखा के जूनियर कक्षाओं की छात्रायें सैरपुर थाना और सीनियर कक्षाओं की छात्रायें बीकेटी कोतवाली पहुंची। जहां उन्होंने सभी पुलिस कर्मियों व अधिकारियों को राखी बांधी एवं रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान कई पुलिस कर्मी भावुक हो गए और बेटियों के पैर भी छुए।

बाल निकुंज गर्ल्स एकेडमी की छात्राओं ने अलीगंज पहुंचकर सभी अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों की कलाई पर राखी बांधकर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाल निकुंज इण्टर कालेज, मोहिबुल्लापुर गर्ल्स विंग की छात्राओं ने मड़ियांव पहुंचकर तिरंगे से बनी भारी-भरकम राखी के साथ सभी पुलिस कर्मियों, अधिकारियों को राखी बांधकर भाई-बहन के पवित्र बंधन का संदेश दिया।बाल निकुंज विद्यालय डे-बोर्डिंग की छात्राओं ने जानकीपुरम थाने में पुलिस कर्मियों को रक्षा सूत्र बांधा।
कालेज की प्रबंधिका पुष्पा जायसवाल व प्रबंध निदेशक एचएन जायसवाल ने सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई दी और सामाजिक समरसता के साथ सदैव विकास के लिए तत्पर रहने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि कालेज बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव तत्पर रहता है और उन्हें अच्छे ज्ञानार्जन के साथ उच्चस्तरीय संस्कार प्रदान कर समाज में अच्छे नागरिक निर्माण की दिशा में कार्य करता है। 
लगा कि जैसे घर पर हैं

छात्राओं द्वारा कलाई पर रक्षासूत्र बांधने के दौरान कई पुलिसकर्मी भावुक हो गए। अपनी बहन से सुदूर होने के बाद भी पुलिसकर्मियों को लगा कि जैसे वे अपने घर पर ही है और बहन का दुलार उन्हें मिल रहा है। वहीं कुछ का कहना था कि वह बहुत सौभाग्यशाली हैं क्योंकि उनकी कोई बहन नहीं है लेकिन इतनी संख्या में पहुंची बहनों ने राखी बांधकर उनकी इस कमी को पूरा कर दिया। उन्होंने बाल निकुंज की इस सराहनीय पहल की खूब तारीफ की और छात्राओं को उनकी रक्षा का वचन दिया।


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