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सेवा अस्पताल : तीन दशक पूरे, स्थापना दिवस पर ताजी हुई स्मृतियां

नामचीन चिकित्सकों को किया सम्मानित

लखनऊ। तीन दशक पहले राजधानी के उत्तरी सिरे पर ग्रामीण क्षेत्र में सीतापुर रोड पर खुले पहले सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल सेवा अस्पताल ने दिन प्रतिदिन तरक्कियों संग सफलता पूर्वक 30 वर्ष पूरे कर लिये। रविवार को 30वें स्थापना वर्ष समारोह में लखनऊ के नामचीन चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। सेवा अस्पताल परिसर स्थित सुशीला बोरा प्रेक्षागृह में सेवा के तीन दशक वृत्त चित्र का प्रदर्शन हुआ। वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने विचार भी साझा किये।




स्वागत सम्बोधन में सेवा अस्पताल के निदेशक वत्सल बोरा ने कहाकि सेवा पथ पर अग्रसर सेवा अस्पताल ने सेवा सर्वोपरि के सिद्धान्त को अपनाया है जो चिकित्सा जगत की सीमाओं से आगे जाकर मानवता की भलाई के लिए निरन्तर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम पिछले तीस वर्ष के अनुभवों को समेटकर आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सजग हैं।
लखनऊ उत्तर के भाजपा विधायक एवं सेवा अस्पताल के संस्थापक प्रबन्ध निदेशक डा. नीरज बोरा ने कहा कि पूज्य पिता डीपी बोरा की मंशा के अनुरुप ग्रामीण क्षेत्र में यह अस्पताल खोला गया था जो आज मील का पत्थर बन चुका है। तीस वर्ष की यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ में अत्याधुनिक तकनीकि को हम लोगों ने अपनाया और लेप्रोस्कोपी, दूरबीन विधि से उपचार, डायलिसिस आदि की सुविधाओं के साथ चिकित्सा जगत में ख्याति अर्जित की। उन्होंने कहा कि तीस वर्षों की सेवा यात्रा में लखनऊ के ख्यातिलब्ध चिकित्सकों का जो सहयोग मिला वह अविस्मरणीय है। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि सेवा अस्पताल में मरीजों की वास्तविक सेवा हुई और कभी भी पैसों के अभाव में मरीज वापस नहीं लौटा। हमारे परिवार की तीसरी पीढ़ी भी यहां मौजूद है और सेवा के पथ पर चलने को संकल्पित है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगल गीतों से हुआ। शीलू श्रीवास्तव के सांस्कृतिक दल ने स्वागत गीत व अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में सेवा अस्पताल की निदेशक बिन्दू बोरा, कनुप्रिया व सन्देश जाजू, नेत्र सर्जन डा. शिवांगी बोरा, मुकुन्द अग्रवाल, सुधांशु मिश्रा, बोरा इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज की प्राचार्य डा. शीला तिवारी सहित अस्पताल प्रबन्धन से जुड़े लोग मौजूद रहे। संचालन डा. तनुश्री बनर्जी ने किया।

इनका हुआ सम्मान :
समारोह में डा. हर्ष गुप्ता, डा. विवेक अग्रवाल, डा. आरएस पवार, डा. दीपक अग्रवाल, डा. बीएस खानका, डा. अनूप शरण, डा. अतुल कुमार राय, डा. केके त्रिपाठी, डा. माला त्रिपाठी, डा. जयदीप चन्द्रा, डा. राजेश कुमार सिंह, डा. पुनीत मेहरोत्रा, डा. मधु मेहरोत्रा, डा. अतुल रस्तोगी, डा. सुमित शर्मा, डा. नीरज टंडन, डा. अमित अग्रवाल, डा. देवाशीष शाह, डा. आशुतोष पाण्डेय, डा. अशोक निराला, डा. तरुन अग्रवाल, डा. विनीत शाह, डा. विपुल चोपडा, डा. संजीव भाटिया, डा. संजय लखटकिया, डा. संजय कुमार, डा. क्यू खान, डा. पुलक मेहरोत्रा, डा. प्रतिभा आर्या, डा. पराग अग्रवाल, डा. निधि मित्तल, डा. पंकज कुमार, डा. यास्मीन, डा. दीपक सिंह, डा. आशुतोष मिश्रा, डा. प्रदीप शुक्ला, डा. आरएस चौधरी, डा. नीरज अरोरा, डा. शिशिर रस्तोगी, डा. रोहित कुमार, डा. मुनीश मिश्रा व अन्य चिकित्सकों समेत अस्पताल प्रबन्धन से जुड़े पुराने कर्मयोगियों को अंगवस्त्रम्, मोतियों की माला एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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