हमें सीखना कभी नहीं छोड़ना चाहिएः डा नीरज बोरा
लखनऊ। सीतापुर रोड स्थित बोरा इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज परिसर में सुशीला बोरा प्रेक्षागृह में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों बी.एस.सी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी, बैचलर ऑफ मेडिकल लैबरोटरी साइंस, डिप्लोमा इन ओ.टी. टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन एक्सरे टेक्नीशियन एवं डिप्लोमा इन लैब टेक्नीशियन में छात्र-छात्राओं के नये सत्र के शुभावसर पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कॉलेज के प्रबन्ध निदेशक एवं भाजपा विधायक डा नीरज बोरा, कॉलेज निदेशक बिन्दू बोरा, वत्सल बोरा और प्राचार्या डॉ शीला तिवारी, प्राचार्या आकांक्षा गुप्ता ने दीप प्रज्जवलन कर की।
डा नीरज बोरा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमेशा सीखते रहो। हम कितनी भी तरक्की क्यों ना करले हमें सीखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी व्यक्ति को मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर प्रदान हो, यह ईश्वर का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म लेने के बाद शरीर के अन्दर किसी प्रकार की विकृति एवं तकलीफ होने पर शरीर को भेदने की हिम्मत माता-पिता भी नहीं रखते हैं। ईश्वर द्वारा बनाये गये शरीर के अन्दर कोई भी परिवर्तन करने की शक्ति इस धरती पर सिर्फ चिकित्सक को है।
डा0 बोरा ने कहा कि माता-पिता ने बड़े विश्वास के साथ आपको नर्सिंग के क्षेत्र में भेजा है। मेहनत से पढाई करके अपना नाम समाज एवं देश में रोशन करें। उन्होंने बताया कि जीवन में सफलता तभी हासिल किया जा सकता है, जब वह अनुशासित एवं गम्भीरता से अपना छात्र जीवन व्यतीत करें।
वहीं कालेज निदेशक बिन्दू बोरा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि जीवन में समय की प्रतिबद्धता बहुत ही जरूरी है। जीवन में जो अवसर आपको मिला है उसका लाभ उठाये। उन्होंने छात्र-छात्राओं को ईमानदारी एवं अनुशासित होकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित किया।
नए चेहरों में नई शुरुआत को लेकर दिखी चमकः नर्सिंग कालेज में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं में अपने नए कैरियर को लेकर काफी खुशी चेहरे पर झलक रही थी। बीएससी नर्सिंग में प्रवेश लेने वाली छात्रा लवली सिंह ने बताया कि उसे बेहद खुशी है कि उसे बोरा नर्सिंग कालेज में प्रवेश मिला है। अभी लक्ष्य की राह पर पहला कदम है। अभी बहुत मेहनत करनी है। वहीं जीएनएम की छात्रा नाज ने कहा कि स्कूल के बाद अब बड़े शिक्षा संस्थान में पढ़ाई करना गर्व का विषय है। बड़ा कैम्पस है, गुरुजनों के साथ ही सीनियर्स की मदद भी मिलेगी। दिन-रात मेहनत करुंगी, जिससे अपने लक्ष्य को पाकर अपने माता पिता के सपनों को पूरा कर सकूं।
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