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डाबर च्यवनप्राश ने लॉन्च किया ‘साइंस इन एक्शन’ जागरूकता अभियान

खनऊ (VOC)। भारत की प्रमुख विज्ञान आधारित आयुर्वेद कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने उपभोक्ताओं को आयुर्वेद के फायदों और सेहतमंद जीवनशैली के बारे में जागरुक बनाने के लिए जागरुकता अभियान ‘साइंस इन एक्शन’ की शुरूआत की है। यह कैंपेन आयुर्वेद के संबंध में वैज्ञानिक रूप से जांचे गए तथ्यों के बारे में बताएगा, ताकि परिवार सोच-समझ कर अपने रोज़मर्रा के विकल्पों को चुन सकें और स्वस्थ रह सकें। ‘साइंस इन एक्शन’ के तहत डाबर- सोशल मीडिया, प्रिंट प्लेटफॉर्म एवं अन्य ऑन-ग्राउण्ड एक्टिवेशन्स जैसे डाबर च्यवनप्राश इम्यून इंडिया कैंपेन के माध्यम से उपभोक्ताओं को आयुर्वेद के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराएगा। यह कैंपेन आम जनता को आयुर्वेद के पीछे निहित विज्ञान के बारे में जानकारी देगा, इसके तहत जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सक उन्हें आयुर्वेद के प्रमाणित फायदों के बारे में बताएंगे। 


लखनऊ में कैंपेन लांचिंग के दौरान डाबर इंडिया लिमिटेड के एजीएम मार्केटंग, हेल्थ सप्लीमेन्ट्स राकेश टहलियानी, डॉ. बैद्यनाथ मिश्रा (हैड ऑफ हेल्थकेयर रीसर्च, डाबर रीसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट सेंटर), आयुर्वेद के प्रमुख डा. परमेश्वर अरोरा मौजूद थे। कैंपेन लॉन्च करते हुए राकेश टहलियानी ने कहा, ‘‘आज के दौर में सभी लोग अपने स्वास्थ्य और कल्याण का महत्व समझ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डाबर उन्हें विज्ञान पर आधारित जानकारी देकर परम्परा और आधुनिकता के बीच के अंतर को दूर करना चाहता है। इस कैंपेन ‘साइंस इन एक्शन’ के साथ डाबर आयुर्वेद से जुड़े मिथकों को दूर कर लोगों को सही जानकारी देना चाहता है। ताकि वे आयुर्वेद के फायदों को समझें और इस बात कों जानें कि स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन जीने का सबसे आसान तरीका अपने रोज़मर्रा में च्यवनप्राश का सेवन करना है। ‘साइंस इन एक्शन’ कैंपेन को विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे प्रिंट, डिजिटल एवं सोशल मीडिया के ज़रिए अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाया जाएगा, जहां रोचक वीडियोज़ के माध्यम से उन्हें आयुर्वेद के सिद्धान्तों पर जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा डाबर, जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सकों के साथ 22 शहरों के स्कूलों में सेमिनार का आयोजन भी करेगा। ये सत्र बच्चों को बताएंगे कि किस तरह आयुर्वेद उनके समग्र स्वास्थ्य को सनिश्चित कर उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में योगदान दे सकता है।


इस मौके पर मौजूद डॉ. बैद्यनाथ मिश्रा (हैड ऑफ हेल्थकेयर रीसर्च, डाबर रीसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट सेंटर) ने कहाकि गहन अनुसंधान के बाद डाबर के सभी प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं। डाबर च्यवनप्राश ने पिछले सालों के दौरान इम्युनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि आयुर्वेद और च्यवनप्राश के बारे में कई गलत अवधारणाएं मौजूद हैं। इस सीरीज़ ‘साइंस इन एक्शन’ के माध्यम से हम इन्हीं मिथकों को दूर करना चाहते हैं और दर्शकों को बताना चाहते हैं कि किस तरह आयुर्वेद और डाबर च्यवनप्राश विज्ञान द्वारा प्रमाणित हैं। ‘साइंस इन एक्शन’ विज्ञान पर आधारित आयुर्वेद के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’

डा. परमेश्वर अरोड़ा ने कहाकि आयुर्वेद जीवन जीने की कला सिखाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद से बीमारियों का इलाज भारत की प्राचीन संस्कृति में रहा है, लेकिन अभी भी आयुर्वेद को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं, जिसे दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहना काफी महत्वपूर्ण है लेकिन स्वास्थ्य का अर्थ सिर्फ शरीर के स्वास्थ्य से ही संबंधित नहीं है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए शारिरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना जरूरी है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान व जीवनशैली का ठीक न होना बीमारी के लक्षण है। भोजन करते समय खाने की गुणवत्ता, मात्रा, खाद्य पदार्थों का समायोजन, समय, खाने का तरीका जानना जरूरी है। यदि पौष्टिक चीजों को भी गलत तरीके या गलत समय पर खाएंगे तो वे शक्ति देने के बजाय बीमार कर देंगी। उन्होंने बताया कि छोटी छोटी दिक्कतों पर दवाई का सेवन खतरनाक है। बीमारियों का करीब 90% इलाज दवाईयों में नहीं बल्कि घर के किचेन में है। डाबर च्यवनप्राश का सेवन न केवल हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें प्रायः होने वाली खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचाता है बल्कि हमारे शरीर के अनेक अंगों की क्रियाओं को अच्छा करता हुआ शरीर को बलशाली भी बनाता है। 
 

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