Pages

आर्यनगर में 750 वर्गफिट भवन में बेसमेंट की खुदाई से हुआ हादसा, दो इमारतें भरभरा कर गिरीं

एलडीए ने अवैध निर्माण खुदाई कराने पर दर्ज कराई एफआईआर

लखनऊ। नाका के आर्यनगर इलाके में बुधवार की दोपहर निमार्णाधीन तीन मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर ढह गई। इसके बगल में बना दूसरा भवन भी ढह गया। गनीमत रही कि इस हादसे से पहले मकान में रह रहे लोगों को बाहर निकाल लिया गया था। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। अवैध तरीके से मकान के भीतर बेसमेंट खोदे जाने से यह हादसा हुआ है। एलडीए को बिना सूचित किये नियमों का उल्लंघन करते हुये मरम्मत तथा मिट्टी खुदाई का कार्य किया जा रहा था। इसके चलते मकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है।



आर्यनगर में तीन मंजिला इमारत का इन दिनों निर्माण हो रहा था। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में बेसमेंट के लिए खुदाई की जा रही थी। इसकी वजह से बुधवार दोपहर एक बजे के आसपास अचानक इमारत एक साइड झुकने लगी। इससे बगल की इमारत के लोगों को कंपन महसूर हुआ। फिर उन्हें लगा कि मकान हिल रहा है। पड़ोस के मकान में रहने वाली अनिल द्विवेदी की पत्नी राजे द्विवेदी अपने मकान को भी झुकता देख अपनी बेटी तनीशा दिवायंग बेटे निर्मल को अपने घर से लेकर मकान के बाहर भागी। मकान से लोगों को बाहर निकाला गया। आसपास रहने वालों को भी हटाया गया। देखते ही देखते ही दोनों बिल्डिंग धराशाही हो गई। अंदर काम कर रहे मजदूरों ने बिल्डिंग को झुकते देखा तो बाहर निकल आए और बगल के मकान में रह रहे लोगों को भी बाहर निकाल लिया गया। कुछ ही देर में दोनों इमारतें भरभरा कर ढह गई। मौके पर एसीपी कैसरबाग सहित नाका थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रास्ते को ब्लॉक कराया। पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित हटाया। इस हादसे में किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। पुलिस ने निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार दीप को हिरासत में ले लिया है। स्थानीयों के मुताबिक जब दीवारों में दरार पड़ने लगी तो बिल्डिंग में रहे एक किरायेदार का परिवार बाहर निकल आया। साथ ही दोनों के बिल्डिंग के मकान मालिकों ने भी परिवार संग बिल्डिंग की खाली कर दिया। घटना होने के बाद नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, एडीसीपी सेंट्रल मनीषा सिंह समेत कई आलाधिकारी मौके पर पहुंचे।

स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी के बिना कराया जा रहा था काम

भवन संख्या 288/203, आर्य नगर में कृष्ण कुमार द्विवेदी   अनिल कुमार द्विवेदी के लगभग 750 वर्गफिट में भवन हैं। काफी पहले बने इस भवन में दो जनवरी की रात में चोरी-छिपे भवन के अन्दर से मिट्टी आदि निकालने का कार्य कराया जा रहा था। बताया जा रहा है कि अवैध तरीके से मकान मालिक की ओर से बेसमेंट बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई की जा रही थी। इस भवन के बगल में सतेन्द्र द्विवेदी पुत्र वीरेन्द्र द्विवेदी का लगभग 600 वर्गफिट में पूर्व में निर्मित भवन स्थित है। 288/203 के भवन में जमीन से मिट्टी निकालने की वजह से  बुधवार को भवन भरभरा कर गिर गया, जिसके कारण इनके बगल का भवन संख्या-288/201 भी ध्वस्त हो गया। स्थल पर अफरा-तफरी मच गयी तथा जन सामान्य में दहशत फैल गयी। एलडीए के अवर अभियंता इम्तियाज अहमद की ओर से थाना नाका हिंडोला को दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है। इसमें कहा गया है कि द्विवेदी की ओर से बिना सुरक्षा मानकों तथा पास-पड़ोस के भवनों तथा उसमें निवास करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए काम कराया जा रहा था। बिना प्राधिकरण के संज्ञान में लाये तथा अन्य किसी विशेषज्ञ एजेन्सी से स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी के बावत सलाह लेते हुए मिट्टी के खनन का कार्य कराया जा रहा था। इस प्रकार कृष्ण कुमार द्विवेदी अनिल कुमार द्विवेदी की ओर से अगल-बगल में रहने वाले अन्य लोगों के भवनों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है। उनके जान-माल की क्षति पहुंचाने का कार्य किया गया है।  प्राधिकरण को बिना सूचित किये नियमों का उल्लंघन करते हुये मरम्मत तथा मिट्टी खुदाई का कार्य किया जा रहा था। दोनों के विरुद्ध आईपीसी की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करें।

 

पुराने मकान में बेसमेंट के लिए हो रही थी खुदाई

बता दें कि ये दोनों बिल्डिंग दो चचेरे भाइयों की है। जिसमें से एक बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। वहीं दूसरी बिल्डिंग भी लगभग तैयार थी, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक बिल्डिंग बनाने के बाद बेसमेंट का काम हो रहा था। इस बात की शिकायत स्थानीयों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से भी की थी। लेकिन एलडीए ने कोई संज्ञान नहीं लिया और आज यह हादसा हो गया।

 

मकान में रह रहे थे दो परिवार

निमार्णाधीन मकान से सटा जो मकान गिरा है इसमें एक अमित और दूसरा जूता व्यापारी शिवा अरोरा का परिवार रह रहा था। दोपहर करीब 12 बजे बगल की निमार्णाधीन इमारत ढहने से कुछ देर पहले अमित, उनकी पत्नी रीता, देवर शुभम, सास निर्मला और बेटा ओम (6) घर से बाहर निकल आए। जूता व्यापारी शिवा अरोरा भी परिवार संग रहते हैं। वह दुकान जा चुके थे। घर में उनकी मां मंजीत कौर, पत्नी विधि अरोरा, बेटे शौर्य (6) और दो साल का बेटा मनराज थे। दीवार तिरछी होने का पता चलने पर समय रहते बाहर निकल आए। मकान ढहने से मलबा गिर गया। इसमें शिवा अरोरा की एक स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई। आरोप है कि दो मंजिला इमारत खड़ी करने के बाद बेसमेंट की खुदाई करा रहे थे। मना करने के बाद भी नहीं माने। इसके चलते हादसा हो गया। समय रहते परिवार बाहर नहीं आता तो बड़ा हादसा होता। आसपास के बिजली के पोल भी चपेट में आने से गिर गए। इंस्पेक्टर नाका रामकुमार गुप्ता के अनुसार इस हादसे में किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। पुलिस ने निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार दीप को हिरासत में ले लिया है।

 

एलडीए ने रहने के लिए दिया पीएम आवास

बिल्डिंग के मलबे में परिवार की पूरी गृहस्थी दब गई। ऐसे में मलबा हटाने पहुंची पुलिस और नगर निगम टीम के सामने ही पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गया। पीड़ित पतिवार की महिला नैना देवी का कहना है कि बिल्डिंग के बेसमेंट में खुदाई चल रही थी। इसी वजह से बिल्डिंग ढह गई है। मेरा पूरा सामान मलबे में दब गया है। एलडीए की ओर से पीड़ित परिवार को पीएम आवास रहने के लिए आॅफर दिया गया है।

 

नगर निगम एलडीए टीम डटी रही

हादस की जानकारी होने पर मौके पर पीएसी बल के जवान और नगर निगम जोन- 2 की टीम राहत बचाव कार्य में जुट गई। नगर निगम की टीम दो जेसीबी की मदद से सड़क पर पड़े मलवे को देर रात तक हटाने में जुटी रही। एलडीए के अधिकारी इंजीनियर मौके पर बने रहे। बिल्डिंग निर्माण के मानचित्र समेत अन्य अनुमतियों की जांच पड़ताल की गई।

 

रिहाइशी आबादी में बन रहीं बेतरतीब इमारतें

लोगों का कहना है कि यहां बिल्डरों की मिलीभगत से लगातार रिहाइशी आबादी में पहले से बनी इमारतों में बेतरतीब निर्माण किया जा रहा है। इसको लेकर कई बार हादसे भी हो चुके हैं। जोन छह के जोनल अधिकारी को जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। मालूम हो कि इससे पहले राजधानी के चर्चित अलाया अपार्टमेंट हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद मिलीभगत से अवैध निर्माण का ये खेल बदस्तूर जारी है।

 

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ