google.com, pub-1705301601279513, DIRECT, f08c47fec0942fa0/> अगले दशक में 100 अरब डॉलर का होगा भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग- मुकेश अंबानी

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अगले दशक में 100 अरब डॉलर का होगा भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग- मुकेश अंबानी

लाखों नौकरियां पैदा करेगा यह उद्योग  

• मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत एक अग्रणी डिजिटल राष्ट्र बन गया है 

• मुकेश अंबानी ने पहलगाम हमले की निंदा की और कहा देश प्रधानमंत्री के साथ है। 

मुंबई। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी का मानना है कि अगले दशक तक भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग चार गुना की वृद्धि दर्जा कर सकता है। यानी 100 अरब डॉलर से अधिक का आकंड़ा छू सकता है। अभी यह बाजार करीब 28 अरब डॉलर का है। मुकेश अंबानी मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हो रहे वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) 2025 में बोल रहे थे। 


प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत एक अग्रणी डिजिटल राष्ट्र बन गया है। कहानी कहने की कला और डिजिटल तकनीकों के मिश्रण ने भारत के मनोरंजन और सांस्कृतिक प्रभाव और पहुँच को बढ़ा दिया है।AI और इमर्सिव तकनीकों के उपकरण हमारी कहानियों को पहले से कहीं अधिक आकर्षक बना सकते हैं - और उन्हें तुरंत विभिन्न भाषाओं, देशों और संस्कृतियों के दर्शकों तक पहुँचा सकते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत के सुपर-टैलेंटेड युवा वैश्विक मनोरंजन उद्योग पर राज करेंगे।“


पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर बोलते हुए मुकेश अंबानी ने कहा “हम सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री जी का कठिन परिस्थितियों में भी यहाँ आना एक मजबूत संदेश देता है। मोदी जी, शांति, न्याय और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ इस लड़ाई में आपको 145 करोड़ भारतीयों का पूरा समर्थन है। भारत की जीत भी निश्चित है।“


उन्होंने आगे कहा कि “वेव्स इनोवेशन, संस्कृति और सहयोग का ग्लोबल हब बनने को तैयार है। 5,000 से अधिक वर्षों की हमारी सभ्यतागत विरासत में, हमारे पास कालातीत कहानियों का विशाल खजाना मौजूद है - रामायण और महाभारत से लेकर दर्जनों भाषाओं में लोककथाएँ और क्लासिक्स हैं। ये दुनिया भर के लोगों के दिलों को छूती हैं क्योंकि उनमें मानवीय मूल्य हैं, भाईचारा है, करुणा, साहस, प्रेम और सौंदर्य है। कोई भी देश भारत की कहानी कहने की ताकत का मुकाबला नहीं कर सकता।

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