लखीमपुर के धौरहरा में एक दिन पहले ईंट भट्ठे पर काम कर रहा एक मजदूर को काफी देर तक तेंदुए से लड़ता हुआ आप सभी ने वायरल वीडियो के जरिए देखा होगा। बेहद संघर्षपूर्ण इस जंग में मजदूर ने हिम्मत नहीं हारी। मजदूर ने किसी तरह अपनी जान बचाई मगर अगले दिन तेंदुए की मौत हो गई। हालांकि तेंदुए के हमले में घायल 4 मजदूरों का इलाज अभी चल रहा है।
असल में धौरहरा वन रेंज के बबुरी गांव में ईंट भट्ठे में तेंदुए ने ग्रामीण मिहीलाल पर हमला कर दिया था। घटना में मिहिलाल समेत 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। टना के दौरान मजदूरों व ग्रामीणों ने मजदूर को बचाने के लिए तेंदुआ को ईंटें फेंक-फेंककर मारा था। इस वजह से तेंदुआ गंभीर रूप से घायल हो गया था। बाद में वन विभाग की टीम ने उसे रेस्क्यू किया और इलाज शुरू किया, लेकिन बुधवार को 4 साल के उस नर तेंदुए की मौत हो गई।
डीएफओ उत्तर खीरी सौरीश सहाय की ओर से तेंदुआ की मौत की पुष्टि की गई है। धौरहरा कार्यालय में चिकित्सकों द्वारा घायल तेंदुए का इलाज किया जा रहा था। नजटपुरवा गांव के पास एक अचेत अवस्था में मादा तेंदुआ को ग्रामीणों ने देखा। बीमारी के कारण तेंदुआ अचेत अवस्था में थी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचे इसके बाद मादा तेंदुआ का इलाज शुरू किया. इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई है।
उसे वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया और धौरहरा वन रेंज में चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जा रहा था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है. मादा तेंदुआ की किडनी काफी डैमेज पाए गए, जो उसकी मौत की वजह बनी. अधिकारियों ने कहा कि यदि आत्मरक्षा के लिए वन्य जीव पर प्रहार किया है, तो वह क्राइम की श्रेणी में नहीं आता. किसी ने सुनियोजित तरीके से वन्य जीव पर प्रहार किया है या हमला किया है, तो उसके खिलाफ जांच करके कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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