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चक्रवात ताऊ टे का कहर, मुंबई, गोवा और ठाणे में तबाही, उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट

नई दिल्ली/ लखनऊ। बहुत भीषण चक्रवात ताऊ टे उत्तर पूर्व और उससे सटे पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। अहमदाबाद मौसम विभाग की वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती का कहना है कि चक्रवात तौकते अभी दीव से 220 किलोमीटर दूर है। शाम तक गुजरात तट पर आ जाएगा और रात को दीव से 20 किलोमीटर पूर्व होकर गुजरात तट पार करेगा। हवा की रफ्तार 160-170 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। 

गुजरात और दमन एवं दीव में यलो अलर्ट जारी 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार च्रकवात तौकते भीषण चक्रवाती तूफान में तबदील हो गया है जिसके 17 मई की शाम तक गुजरात के तट तक पहुंचने की संभावना है।18 मई की सुबह यह पोरबंदर और भावनगर जिले के महुआ के बीच से गुजरेगा। 

मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी skymetwheather.com के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम के मध्य भागों में देखा जा सकता है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में मौसमी हलचल तेज हुई है। कोंकण और गोवा में कई जगहों पर भारी से अति भारी बारिश हुई। केरल, लक्षद्वीप, तटीय कर्नाटक और दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश हुई। जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, गुजरात के कई हिस्सों और दक्षिणपूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

अगले 24 घंटों के दौरान बहुत भीषण चक्रवात ताऊ ते के दक्षिण गुजरात तट पर सोमनाथ या अमरेली पर मध्य रात्रि या 18 मई की सुबह लैंडफॉल करने की उम्मीद है। लैंडफॉल के समय हवा की गति 150-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 170 किमी प्रति घंटे हो सकती है। गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र तट पर कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। केरल, कोंकण और गोवा, मध्य प्रदेश के दक्षिण राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत, लक्षद्वीप, आंतरिक तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक में कुछ तेज बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। पश्चिमी हिमालय, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

अलग-अलग राज्यों में अब तक तूफान से प्रभावित इलाकों में 8 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई सौ पेड़ गिरे हैं। साथ ही घरों को भी नुकसान पहुं है. महाराष्ट्र में भी घर-मकानों को क्षति पहुंची है. चक्रवाती तूफान अब गुजरात की तरफ बढ़ रहा है. तूफान की आहट के साथ गुजरात के तटीय इलाके में आज और कल भारी बारिश की आशंका है. आपदा से निपटने के लिए NDRF की 50 टीमें तैनात की गई हैं.


मौसम विभाग (IMD) के अनुसार चक्रवाती तूफान तौकते 17 मई की शाम या 18 मई को गुजरात के समुद्री तट से टकरा सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ये तूफान और भी खतरनाक हो सकता है। 18 मई की सुबह तक चक्रवात तौकते पोरबंदर और महुवा के बीच से गुजरात तट को पार कर सकता है।

सूरत और गोवा में उड़ानें रद्द कर कर दी गई हैं। कई सड़कों पर भी रास्ते बंद गोवा में भी तूफान ने कहर बरपाया है। अलग-अलग हादसों में 2 लोगों की मौत हो गई है। एक हादसे में बाइक सवार पर बिजली का पोल गिरा जबकि दूसरे हादसे में पेड़ गिरने से एक शख्स की मौत हुई है. गोवा में तूफान की वजह से आज सभी उड़ानें रद्द हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के मुताबिक  तूफान में 100 घर बुरी तरह तबाह हुए हैं जबकि कई अन्य घरों को मामूली क्षति पहुंची है। गोवा में तूफान की वजह से करीब 500 पेड़ गिरने से जगह-जगह पर रास्ते बंद पड़े हैं। 

केरल में भी तूफान के असर से कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। केरल में इस चक्रवात की वजह से दो लोगों की मौत हो गई है। 

उत्तर पश्चिमी भारत में तौकते के असर से आंधी-बारिश के आसार 

निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार 18 मई को समुद्री तूफान तौकते के गुजरात तट पर लैंडफॉल करने की उम्मीद है। इसके बाद यह तूफान कमजोर पड़ेगा, लेकिन इसका असर धीरे-धीरे आगे पड़ेगा। एजेंसी के अनुसार 18-19 मई को उत्तर पश्चिमी भारत में तौकते के असर से आंधी-बारिश के आसार हैं। दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक तौकते के असर से मध्यम से तेज बारिश होने के आसार हैं।

18 मई को हल्की बारिश होगी तो वहीं,19 मई को कई जिलों में 60-70 मिमी बारिश होने के आसार हैं। डॉ. एन सुभाष के अनुसार किसान इस बारिश का लाभ खेत में पानी एकत्र करके उठा सकते हैं। हालांकि सब्जी वाले खेतों में पानी एकत्र ना पाए।  बारिश के पीछे पश्चिमी विक्षोभ को वजह बताया है।


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