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कोविड-19 को 5जी टेस्टिंग से जोडऩे वाले सोशल मीडिया पर फर्जी संदेशों को सरकार से हटाने का अनुरोध

लखनऊ: दूरसंचार उद्योग संगठन सीओएआई ने फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कोविड-19 के प्रसार को 5जी तकनीक से जोडऩे वाले फर्जी और भ्रामक संदेशों को हटाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संपर्क किया है।

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई), जिसके सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं, ने कहा कि 5जी को कोरोनावायरस से जोडऩे के दावे निराधार हैं क्योंकि देश में 5जी नेटवर्क अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं और यहां तक कि 5जी परीक्षण भी अभी दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा शुरू किया जाना बाकी है।


एमईआईटीवाई के अतिरिक्त सचिव राजेंद्र कुमार को 15 मई को लिखे एक पत्र में, सीओएआई के महानिदेशक एसपी कोचर ने कहा है कि ‘‘राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए, हम आपके विभाग से अनुरोध करते हैं कि कृपया सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर, आदि को ऐसे सभी पोस्ट और भ्रामक अभियानों को तत्काल आधार पर उनके प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए आदेश दें।’’

लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑडियो और वीडियो संदेश साझा कर रहे हैं जिसमें देश भर में हताहतों की संख्या में वृद्धि के लिए 5जी टावरों को दोषी ठहराया जा रहा है, हालांकि किसी भी कंपनी ने भारत में कहीं भी 5जी तकनीक स्थापित नहीं की है। वीडियो संदेशों से ये भी पता चलता है कि इस तरह के फर्जी दावों से सहमत लोग मोबाइल टावरों को गिराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘हम इस बात पर प्रकाश डालना चाहेंगे कि इस प्रकार की अफवाहें पिछले दो हफ्तों में मुख्य रूप से अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फैली हैं।’’

कोचर ने कहा कि ‘‘मुख्य रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब में इस तरह की गलत सूचनाओं में काफी अधिक वृद्धि हुई है। हम चिंतित हैं कि यह भ्रामक और गलत दावा/सूचना देश के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है।’’

दूरसंचार विभाग ने भी कोविड-19 महामारी को 5जी तकनीक से जोडऩे के दावे को झूठा बताया है, और कहा है कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, यह सूचित किया जाता है कि 5जी नेटवर्क का परीक्षण अभी तक भारत में कहीं भी शुरू नहीं हुआ है। इसलिए, यह दावा कि 5जी परीक्षण या नेटवर्क भारत में कोरोनावायरस का कारण बन रहे हैं, निराधार और गलत है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आइनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी 5जी के लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव डालने के दावों को खारिज कर दिया है। सीओएआई ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं के बारे में मिथक फैलाना राष्ट्रीय हित के खिलाफ है और इससे दूरसंचार परिचालन पर काफी असर पड़ सकता है।

कनेक्टिविटी पर प्रभाव सार्वजनिक या सरकारी अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर निर्बाध दूरसंचार सेवाएं प्राप्त करने से वंचित करेगा, जब घर से काम करने और टीकाकरण सहित सरकार की विभिन्न पहलों को सक्षम करने के लिए दूरसंचार और इंटरनेट आवश्यक है।

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