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लखनऊ में इस बार छठ पूजा में अलग दिखेगा रंग, गोमती किनारे सूरज की किरणों संग होगा उमंग

लखनऊ। सूर्य उपासना व लोक आस्था के पावन महापर्व छठ पूजा की रौनक दिखने लगी है। 8 नवम्बर को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का आगाज होगा। छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होती है और सप्तमी तिथि को अरुण वेला में इस व्रत का समापन होता है। 

कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को "नहाय खाय" के साथ इस व्रत की शुरुआत होती है। इस दिन से स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। पहले दिन (नहाय खाय) बिना लहसुन प्याज का सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। दूसरे दिन पंचमी को "खरना" के दिन व्रती महिलाएं व पुरुष निर्जल उपवास रखकर शाम को पूजन में खीर-रोटी व केले का प्रसाद चढ़ाते है। तीसरे दिन षष्ठी तिथि को उपवास रखकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। साथ में विशेष प्रकार का पकवान "ठेकुवा" और मौसमी फल चढ़ाया जाता है। अर्घ्य दूध और जल से दिया जाता है। चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत का समापन किया जाता है।

राजधानी लखनऊ में भी छठ पूजा की तैयारियां तेज हो गई है। लक्ष्मण मेला मैदान सहित सभी छठ घाटों पर सफाई व बेदी की रंगाई पुताई का कार्य अंतिम चरणों पर है। रविवार को अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, नगर निगम, जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों संग जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने लक्ष्मण मेला मैदान छठ घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय द्वारा 36 वर्ष पूर्व सन् 1985 में लक्ष्मण मेला मैदान में गोमती के किनारे 4 परिवारों से छठ पूजा के आयोजन की शुरूआत की गई थी। इस वर्ष 36वां आयोजन हो रहा है। 

10-11 नवम्बर को छठ घाट, लक्ष्मण मेला मैदान, गोमती तट पर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा भव्य आयोजन किया जाएगा। प्रभुनाथ राय ने बताया कि 10 नवम्बर को दोपहर 2 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी।

प्रभुनाथ राय ने बताया कि इस वर्ष पुरुषों के लिए ड्रेस कोड भी तय किया गया है। सभी पदाधिकारी भगवा कुर्ता व पीली धोती पहने नजर आएंगे। 

उन्होंने छठ घाट पर पूजन के लिए आने वाले सभी पुरुषों से भी भगवा कुर्ता व पीली धोती पहन कर आने की अपील की है। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा छठ पूजा की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है। जिसमें छठ घाट पर सफाई से लेकर सभी आवश्यक प्रबन्ध किये गये हैं।

छठ पूजा करने वालें लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। इसमें जो लोग सूर्य को अर्घ देंगे उनका दोनों टीकाकरण होना अनिवार्य है। घाट पर ही थर्मल जांच एवं सेनेटाइजर आदि की सब व्यवस्था की गयी है। कोविड टीकाकरण चिकित्सा कैम्प के माध्यम से कराया जायेगा। लोगों की सुविधा हेतु अस्थायी शौचालय, कपड़े बदलने की व्यवस्था, घाट पर फॉगिंग, लाइट, तथा गोताखोर स्टीमर पर्याप्त पुलिस बल, यातायात पुलिस आदि सभी का उचित प्रबन्ध किया गया है। जिसका शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

उन्होंने बताया कि छठ पूजा साक्षात सूर्य भगवान की पूजा है। लोग अपने परिवार में सुख-समृद्धि, स्वस्थ एवं दीर्घायु, रोग व्याधि से मुक्ति हेतु इस व्रत को करते हैं। बहुत से लोग जिनके संतान नहीं होते हैं वह लोग भी अपने वंश की वृद्धि के लिए इस व्रत को करते हैं। छठ पूजा व्रत 6, 12, 24 की संख्या में होती है। जिसमें सभी सामग्री 6, 12, 24 की संख्या में लेकर लोग पूजा करते हैं। इसमें साठी का चावल, गुड़ से बना ठेकुआ, टिकरी (खजूर), मौसमी फल, अनार केला, सेब, संतरा, नीबू, गन्ना, सुथनी, बेर, शरीफा आदि फलों को डाला में रखकर पूजा किया जाता है। इसलिए इस व्रत को डाला छठ भी कहते हैं। यूपी के पूर्वी हिस्से बिहार झारखण्ड, छत्तीसगढ़ में अधिकतर मनाया जाता था लेकिन पिछले 25-30 वर्षों में पूरी दुनिया में छठ पूजा को उत्सव के रूप गैर भोजपुरी के लोग भी इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। 

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय के नेतृत्व में इस वर्ष छठ मेला घाट, गोमती तट लखनऊ में दिनांक 10 एवं 11 नवम्बर को भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री), स्वतंत्र देव सिंह (प्रदेश अध्यक्ष भाजपा), डा. दिनेश शर्मा (उपमुख्यमंत्री), सूर्य प्रताप शाही (कृषि मंत्री, उप्र), सुरेश खन्ना (वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री, उप्र), आशुतोष टण्डन (नगर विकास मंत्री), स्वामी प्रसाद मौर्या (श्रम एवं सेवायोजन मंत्री), ब्रजेश पाठक (विधि एवं न्याय मंत्री), महेन्द्र सिंह (जल शक्ति मंत्री), हरीश द्विवेदी (सांसद बस्ती), अशोक बाजपेई, (सांसद, राज्यसभा), संयुक्ता भाटिया (महापौर लखनऊ) सहित कई गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।

इसके साथ ही लगभग 150 भोजपुरी के लोकगायक एवं फिल्मी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। जिसमें सुरेश शुक्ला मुम्बई, पंकज केसरी फिल्म अभिनेता मुम्बई, किशोर चतुर्वेदी लखनऊ, उमेश कनौजिया, धोबिया नृत्य आजमगढ़, अवधेश संतोष बनारसी, एस.पी. चौहान, अकरम अंजाना, कुसुम पाण्डेय, रंजना मिश्रा, रवि शंकर देहाती, आशा तिवारी, सरिता तिवारी आदि कलाकार उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा समाज करने वाली महान विभूतियों को सम्मानित किया जायेगा।

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