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निर्धारित समय से पूर्व मेट्रो निर्माण करना सच्ची देश सेवा - कुमार केशव

यूपीएमआरसी ने उत्साह के साथ मनाया 73वां गणतंत्र दिवस

तिरंगी रोशनी से जगमगा उठे लखनऊ मेट्रो के स्टेशन,यूपीएमआरसी मुख्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर डिपो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने लखनऊ के प्रशासनिक भवन और ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेट्रो डिपो में पूरे उत्साह के साथ 73वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने ध्वजारोहण कर सलामी दी। प्रबंध निदेशक, निदेशकों और अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं को भी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर लखनऊ मेट्रो, यूपीएमआरसी मुख्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर डिपो के मेट्रो स्टेशनों को तिरंगे की रोशनी से सुसज्जित किया गया है।  

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने अपने संबोधन में महामारी के दौरान पूरे समर्पण के साथ देश की सेवा करने के लिए सुरक्षा कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लखनऊ मुख्यालय और ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमें भारत के संविधान पर गर्व है जिसने हमें हमारे मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया। अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में इस जागरूकता ने हमें समाज के कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में विकसित होने में मदद की है। भारत का संविधान हमें लगातार ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है'।

'यूपीएमआरसी के कर्मचारियों ने अपने पेशेवर माहौल में इन आदर्शों का पालन करते हुए विभिन्न मील के पत्थर हासिल किए। उन्होने कोरोना संकट के दौरान शीर्ष स्तर के पेशेवर आचरण का प्रदर्शन किया। पिछले दो वर्षों में, इस संकट के बावजूद UPMRC के कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया। नतीजतन, इस कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण, पिछले महीनों सवारियों में तेजी से सुधार देखा गया है।

उन्होंने कहा, 'कानपुर मेट्रो के आईआईटी से मोतीझील तक 9 किलोमीटर के प्राथमिक कॉरिडोर को 2 साल 1.5 महीने के रिकॉर्ड समय के भीतर पूरा करना एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रधानमंत्री की सम्मानित उपस्थिति में कानपुर में राजस्व संचालन की शुरुआत 28 दिसंबर 2021 को की गई थी। कानपुर मेट्रो लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है।' उत्तर प्रदेश के अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्रों के लिए स्मार्ट मोबिलिटी सिस्टम की आवश्यकता पर बल देते हुए और कानपुर मेट्रो का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 'यह परिवहन का आधुनिक, सबसे स्वच्छ, कुशल और किफायती  साधन है जो कार्बन फुट-प्रिंट को कम करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। कानपुर मेट्रो ने शहर की सूरत बदल दी है। हम वास्तव में लोगों को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के अपने संकल्प में प्रतिबद्ध हैं। हम उत्तर प्रदेश की सरकार और लोगों के समर्थन और सहयोग के लिए भी आभारी हैं। कानपुर के आगे के बचे हुए कॉरिडोर और आगरा के प्राथमिक  कॉरिडोर में  भी मेट्रो निर्माण का कार्य तेज़ी से चल रहा है।  

'मुझे यकीन है की इसी सफलता की श्रंख्ला को आगे बढ़ाते हुए UPMRC की टीम निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लेगी। लखनऊ मेट्रो का सीसीएस हवाई अड्डा भारत में सबसे तेजी से निर्मित भूमिगत मेट्रो स्टेशन होने का गौरव प्राप्त कर चुका है । इसे 19 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। इस विशिष्ट उपलब्धि को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी  दर्ज किया गया है।

उन्होंने कहा कि गोरखपुर में भी मेट्रोलाइट कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है। सार्वजनिक निवेश बोर्ड, जो वित्त मंत्रालय की सूक्ष्म शाखा है, पहले ही इस परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दे चुका है। 

लखनऊ मेट्रो ने 73वें गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित की फ्रीडम मेट्रो प्रदर्शनी

आजादी के 75 साल पूरा होने के पूर्व और आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत, लखनऊ मेट्रो छोटे कार्यक्रमों  की श्रृंखला चलाता आ रहा है। लखनऊ मेट्रो ने इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर फ्रीडम मेट्रो प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रही है। इस प्रदर्शनी के द्वारा आज़ादी के 75 वर्षों में भारत की विभिन्न क्षेत्रों में विकास यात्रा की झांकी प्रस्तुत की जा रही है। लखनऊ मेट्रो इस प्रदर्शनी के माध्यम से ब्रिटिश भारत से लेकर आज के विकसशील भारत तक के सफर को भी प्रदर्शित करेगी। खेल, विज्ञान, कला, राजनीति, संस्कृति, वास्तुकला से लेकर नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का उदय इस ट्रेन प्रदर्शनी के महत्वपूर्ण पहलू हैं। ट्रेन के बाहर और अंदर तस्वीरों में प्रदर्शनी है। 

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