नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज गया है। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी है। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 403 सीटों वाली विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक- एक जबकि मणिपुर में निर्वाचन आयोग दो की चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में आचार संहिता लागू तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र ने प्रेस कांफ्रेंस करते जानकारी दी है।
खास बातें
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी उम्मीदवार अधिकतम 5 लोगों के साथ घर-घर प्रचार कर सकते हैं। सभी उम्मीदवारों को लिखित में देना होगा।
सुविधा ऐप के जरिए उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन करा सकते हैं। cvigil ऐप के जरिए किसी भी गड़बड़ी की शिकायत चुनाव आयोग से की जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो रहा है। राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 2017 की शुरुआत में हुए थे। पिछले चुनाव के लिए अधिसूचना 17 जनवरी 2017 को जारी हुई थी और मतदान सात चरणों में हुए थे। पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सहयोगी दलों को 403 सीटों में से 325 सीटें मिली थी, समाजवादी पार्टी (सपा) को 47, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 19 और कांग्रेस को 7 सीटें मिली थी। 5 सीटें अन्य के खातों में गईं थी। उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव में भाजपा को 39.67 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जबकि सपा और बसपा के मतों का प्रतिशत 21.82 प्रतिशत और 22.23 प्रतिशत था।
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस और नुक्कड़ सभा पर रोक
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कोरोना काल में पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों में कोविड के बीच चुनाव कराना बेहद चुनौती भरा काम है। इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे। कहा कि यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित नहीं कर सकेगा। चुनाव आयोग हालात के मुताबिक आगे गाइडलाइंस जारी करेगा। काउंटिंग के बाद कोई रैली नहीं होगी। विजेता उम्मीदवार सर्टिफिकेट लेने के लिए 2 से अधिक सहयोगियों के साथ नहीं जाएंगे।
यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी।राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा कि धन बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को लेकर हर बार की तरह इस बार भी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी। इस बार कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि जरूरी हुआ तो स्पेशल आब्जर्वर भी तैनात होंगे। संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशनों का लाइव वेबकास्ट किया जाएगा।
एक नजर : मुख्य रूप से
उम्मीदवारों को आनलाइन नामांकन का भी विकल्प मिलेगा। पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित की गई है।
दिव्यांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ कोविड संक्रमितों को घर से मतदात करने की सुविधा मिलेगी।
16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं।
2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।
चुनाव कोविड प्रोटोकाल के साथ कराए जाएंगे।
पोलिंग बूथ पर मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध होगा।
थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
18.34 करोड़ मतदाता मताधिकार का उपयोग करेंगे।
8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं, 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे।
हर विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग स्टेशन महिलाओं का
हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी। सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होंगे। सभी में सेनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स आदि की व्यवस्था होगी। यूपी में प्रति पोलिंग स्टेशन पर 862 वोटर होंगे। 5 राज्यों के 1620 पोलिंग स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारी होंगी।
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